दिसंबर 4, 2025 को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने एक खतरनाक वायरल स्कैम की चेतावनी जारी की — एक ऐसा वीडियो जिसका नाम है '19 मिनट का वीडियो'। ये लिंक इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों यूजर्स तक पहुंच रहा है, लेकिन इसका असली मकसद कुछ और है: आपका फोन हैक हो जाए, आपकी बैंकिंग जानकारी चोरी हो जाए, और आप अपने पैसे खो दें। और सबसे अजीब बात? ये वीडियो मौजूद ही नहीं है।
वायरल वीडियो असल में क्या है?
ये '19 मिनट 34 सेकंड का वीडियो' एक ऐसी कहानी है जिसे लोगों की जिज्ञासा का फायदा उठाकर बनाया गया है। इसमें एक जोड़े की अश्लील गतिविधि का दावा किया जा रहा है, लेकिन हरियाणा पुलिस साइबर सेल के अधिकारी अमित यादव ने स्पष्ट किया है कि ये वीडियो कभी नहीं हुआ। ये सभी वीडियो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा बनाए गए हैं। यही नहीं, कुछ लोगों ने इसे सोफिक एसके और डस्टू सोनाली के नाम से जोड़ दिया — दोनों इंफ्लुएंसर्स हैं, लेकिन उनका कोई भी संबंध इस वीडियो से नहीं है। असली MMS वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया गया है, फिर भी लोग 'पार्ट 2', 'पार्ट 3' के नाम से AI जेनरेटेड वीडियो फैला रहे हैं।
कैसे चल रहा है ये स्कैम?
ये स्कैम बहुत सरल और खतरनाक है। आपको एक लिंक मिलता है — 'देखें 19 मिनट का वीडियो', 'फुल लीकेड वीडियो यहां क्लिक करें', 'मुफ्त में देखें अश्लील क्लिप'। जैसे ही आप क्लिक करते हैं, आपके फोन पर एक छिपा हुआ मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है। ये सॉफ्टवेयर आपके कॉन्टैक्ट्स, मैसेजेस, बैंक ऐप्स, और यहां तक कि आपके ओटीपी भी चुरा लेता है। कुछ लोगों ने तो इस वीडियो के लिए पैसे भी दिए — एक फेक वेबसाइट ने यूजर्स से ₹499 या ₹999 लिए, फिर भी वीडियो नहीं दिया।
कुछ लोग इसे बस 'देखने के लिए' क्लिक करते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कि उनका फोन अब एक रिमोट कंट्रोल वाला डिवाइस बन चुका है। एक साइबर विशेषज्ञ ने कहा, 'क्लिक करना आपके फोन को बेचने के बराबर है। आप अपने डेटा को बेच रहे हैं, बिना जाने।'
किन राज्यों में सबसे ज्यादा फैला है?
गूगल ट्रेंड्स के डेटा के मुताबिक, इस स्कैम की सबसे ज्यादा तलाश आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में हुई। ये राज्य ऐसे हैं जहां इंटरनेट एक्सेस तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन डिजिटल साक्षरता अभी भी कम है। इसीलिए लोग आसानी से फंस जाते हैं।
अब ये स्कैम बदल गया है। '19 मिनट' शब्द को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने ब्लॉक कर दिया है, तो अब लोग '40 मिनट वीडियो', 'चोरी हुआ वीडियो', 'मेरे दोस्त ने भेजा' जैसे नए टैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तक कि 'न्यू वायरल एमएमएस बच्चे का' और 'छोटा बच्चा वायरल वीडियो लिंक' जैसे बेकार और धोखेबाज़ टर्म्स भी चल रहे हैं।
कानूनी नतीजे: देखने से भी हो सकता है गिरफ्तार
ये सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं है — ये कानून का मुद्दा है। अमित यादव ने स्पष्ट किया कि अगर आप इस वीडियो को देखते हैं, सेव करते हैं, या शेयर करते हैं, तो आप भारतीय आईटी एक्ट की धारा 67 और आईपीसी की धाराएं 67, 67A और 66 के तहत दोषी ठहराए जा सकते हैं। इसकी सजा हो सकती है तीन साल जेल और ₹5 लाख तक का जुर्माना।
ये कोई खाली धमकी नहीं है। पिछले महीने मेघालय की एक महिला को इस वीडियो के साथ गलत तरीके से जोड़ दिया गया। लोगों ने उसे ट्रोल किया, उसकी तस्वीरें फैलाईं। उसने एक वीडियो बनाकर साबित किया कि वो इसकी हिस्सा नहीं है। उसकी आवाज़ भी कांप रही थी — 'मैं बस एक माँ हूं, मैंने कुछ नहीं किया। फिर भी मुझे जेल जाने का डर है।'
कैसे बचें? साइबर सुरक्षा के 5 नियम
- कभी न क्लिक करें: जिस लिंक पर 'वायरल', 'लीकेड', 'मुफ्त' लिखा हो, उसे न खोलें।
- रिपोर्ट करें: ऐसे अकाउंट्स को इंस्टाग्राम, एक्स या गूगल पर रिपोर्ट करें।
- एंटीवायरस अपडेट करें: अगर आपने गलती से लिंक क्लिक कर दिया है, तो तुरंत अपने फोन पर एंटीवायरस स्कैन चलाएं।
- बैंक ऐप्स को लॉग आउट करें: अगर आपने लिंक क्लिक किया है, तो अपने बैंक ऐप्स से लॉग आउट हो जाएं और पासवर्ड बदल दें।
- शेयर न करें: अगर आप इसे शेयर करते हैं, तो आप भी अपराधी बन जाते हैं।
एक अज्ञात वीडियो का बड़ा असर
इस स्कैम का सबसे डरावना हिस्सा ये है कि ये एक ऐसी बात है जिसका कोई स्रोत नहीं है। कोई नहीं जानता कि ये वीडियो कहां से आया, किसने बनाया, या क्यों बनाया गया। लेकिन इसके बावजूद, लोग इसे बेतहाशा शेयर कर रहे हैं। इसका कारण? हमारा दिमाग अश्लीलता के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। ये एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है — लेकिन आजकल इसी का फायदा उठाकर लाखों लोग धोखा दे रहे हैं।
कुछ लोग तो इस वायरल वीडियो को एक अलग घटना — एक महिला की मृत्यु के वीडियो — से जोड़ने लगे। लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया: दोनों में कोई संबंध नहीं है। ये बस एक और भ्रम है, जिसे लोगों के भय और जिज्ञासा के बीच फैलाया जा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या 19 मिनट का वीडियो असली है?
नहीं, ये वीडियो कभी मौजूद नहीं हुआ। हरियाणा पुलिस साइबर सेल के अधिकारी अमित यादव ने पुष्टि की है कि ये सभी वीडियो AI द्वारा बनाए गए हैं। कोई भी वास्तविक स्रोत नहीं मिला है, और इसका असली निर्माता अभी तक अज्ञात है।
इस वीडियो को देखने से क्या हो सकता है?
क्लिक करते ही आपके फोन पर मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जो आपके कॉन्टैक्ट्स, मैसेजेस, बैंक ऐप्स और ओटीपी चुरा सकता है। कई यूजर्स के बैंक अकाउंट्स से पैसे निकाले जा चुके हैं। यहां तक कि कुछ लोगों के फोन को रिमोटली कंट्रोल किया जा रहा है।
क्या इसे शेयर करने से कानूनी समस्या हो सकती है?
हां, भारतीय आईटी एक्ट की धारा 67 और आईपीसी की धाराएं 67, 67A और 66 के तहत वीडियो देखने, सेव करने या शेयर करने पर तीन साल जेल या ₹5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। ये कानून आपको बचाने के लिए है — न कि डराने के लिए।
अगर मैंने गलती से लिंक क्लिक कर दिया है, तो क्या करूं?
तुरंत फोन को रीस्टार्ट करें, एंटीवायरस स्कैन चलाएं, और अपने बैंक ऐप्स से लॉग आउट हो जाएं। पासवर्ड बदलें और अपने बैंक को फोन करके अलर्ट करें। अगर कोई अज्ञात लेनदेन दिखे, तो तुरंत फ्रॉड रिपोर्ट करें।
क्यों ये स्कैम इतना तेजी से फैल रहा है?
क्योंकि हमारा दिमाग अश्लीलता के प्रति आकर्षित होता है। ये स्कैम इसी मानवीय कमजोरी का फायदा उठा रहा है। इंटरनेट एक्सेस बढ़ने के साथ डिजिटल साक्षरता नहीं बढ़ी — इसलिए लोग आसानी से फंस जाते हैं।
क्या इसकी जांच चल रही है?
हां, हरियाणा पुलिस साइबर सेल और अन्य राज्यों के साइबर यूनिट्स ने जांच शुरू कर दी है। लेकिन चूंकि ये वीडियो डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से बनाए जा रहे हैं, इसलिए जांच मुश्किल है। अभी तक कोई बड़ा अपराधी नहीं पकड़ा गया है।
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