अमेरिका के फेडरल रिजर्व की बैठक का एक महत्वपूर्ण फैसला
आर्थिक विशेषज्ञों और वित्तीय विश्लेषकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर पैनी नजर रखी थी, जो 7 नवंबर 2024 को समाप्त हुई। इस बहुप्रतीक्षित बैठक में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) ने 25 आधार अंक की दर में कटौती की घोषणा की, जिससे बेंचमार्क लेंडिंग दर अब 4.5 प्रतिशत पर आ गई है। यह निर्णय आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जहां मुद्रास्फीति को एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक के रूप में देखा जा रहा है।
पिछली बैठक में 50 आधार अंक की कटौती के बाद, यह अपेक्षित था कि वर्तमान बैठक में कम से कम 25 आधार अंक की और कटौती होगी। रायटर्स द्वारा 23 से 29 अक्टूबर के बीच आयोजित एक सर्वेक्षण में, सभी 111 अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि यह कटौती होगी। इस साल के अंत तक ब्याज दरों को 4.25% से 4.50% की रेंज में रखने की संभावना भी जताई जा रही है।
मुद्रास्फीति पर फेडरल रिजर्व का नजरिया
फेड की यह नवीनतम कटौती मुख्य रूप से जुड़ी हुई है धीमी होती मुद्रास्फीति दर को देखते हुए। सितंबर में कुल मुद्रास्फीति दर 2.4% पर आ गई थी, जबकि यह अगस्त में 2.5% थी। परंतु, एक अन्य महत्वपूर्ण संकेतक कोर मुद्रास्फीति जो कि अस्थिर खाद्य और ऊर्जा कीमतों को छोड़ देती है, वह सितंबर में 3.3% पर पहुंच गई। यह डेटा फेड के लिए उस चुनौती को दर्शाता है, जिसमें उन्हें सुस्त होती अर्थव्यवस्था और बढती मुद्रास्फीति, दोनों का संतुलन साधना है।
रोजगार बाजार पर असर
ब्याज दर कटौती का रोजगार पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल और उनकी टीम इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि रोजगार बाजार में किसी प्रकार की अस्थिरता न आए। यह देखा जा रहा है कि रोजगार की गति में कुछ धीमापन आ रहा है, जिसे अर्थव्यवस्था के लिए एक सतर्क संकेत माना जा सकता है। ब्याज दरों में कटौती से व्यवसायों को कम लागत पर कर्ज लेने और निवेश करने का प्रोत्साहन मिलता है, जिससे रोजगार सृजन की गति में तेजी आ सकती है।
इस निर्णय का एक बड़ा संदर्भ आगामी राष्ट्रपति चुनाव भी है। फेडरल रिजर्व के दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि चुनाव के समय अर्थव्यवस्था एक स्थिर और सकारात्मक स्थिति में हो। हालांकि, फेड की हर फैसले का दूरगामी प्रभाव होता है, जिसे ध्यान में रखना अनिवार्य है।
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