आंशिक सौर ग्रहण 21 सितंबर 2025: समय, दृश्य क्षेत्र और आने वाले खगोलीय घटनाक्रम

/ द्वारा parnika goswami / 0 टिप्पणी(s)
आंशिक सौर ग्रहण 21 सितंबर 2025: समय, दृश्य क्षेत्र और आने वाले खगोलीय घटनाक्रम

आंशिक सौर ग्रहण 21 सितंबर 2025 – मुख्य तथ्य

क्या आपने कभी सुना है कि चाँद सूरज को “काट” सकता है? 21 सितंबर 2025 को ऐसा ही एक दुर्लभ दृश्य हमारे आकाश में होने वाला है। यह सौर ग्रहण 2025 का आख़िरी घटना होगा, और यह केवल आंशिक रूप से दिखेगा, जिसका मतलब है सूरज की सतह का कुछ भाग ही छुपेगा। आधी रात के बाद शुरू होने वाला यह ग्रहण 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा, 10:59 PM IST पर शुरू होकर 3:23 AM IST पर समाप्त होगा, और इसकी अधिकतम रुकावट 1:11 AM IST पर होगी।

आंशिक सौर ग्रहण में चाँद सूरज के डिस्क का केवल एक टुकड़ा ढँकता है, जिससे एक दीपवृत्त (crescent) जैसा रूप बनता है। यह देखने में बहुत आकर्षक लगता है, लेकिन आँखों को बिना सुरक्षा के देखना खतरनाक हो सकता है। इसलिए चश्मा या विशेष फिल्टर का इस्तेमाल करना जरूरी है, चाहे आप सीधे देख रहे हों या फोटो खींच रहे हों।

भौगोलिक रूप से इस ग्रहण का दृश्य भारतीय उपमहाद्वीप से नहीं दिखेगा, क्योंकि यह भारत में रात में होते हुए भी क्षितिज के नीचे रहेगा। फिर भी उत्तरी गोलार्ध के कई हिस्से, विशेषकर दक्षिणी गोलार्ध में, इस घटना को स्पष्ट रूप से देख पाएँगे। मुख्य दृश्य क्षेत्रों में शामिल हैं:

  • ऑस्ट्रेलिया – 6:13 AM से 7:36 AM IST
  • न्यूज़ीलैंड – 5:41 AM से 8:36 AM IST
  • अंटार्कटिका – 4:49 AM से 6:53 PM IST (विस्तृत समयावधि)
  • पैसिफिक व अटलांटिक महासागर के कुछ भाग

यदि आप भारत में हैं, तो भी इस खगोलीय तमाशे को देख सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम पर भरोसा करना पड़ेगा। कई अंतरराष्ट्रीय खगोल संस्थान और विज्ञान पोर्टल इस ग्रहण को विभिन्न स्थानों से प्रसारित करेंगे, जिससे आप वास्तविक समय में आंशिक सूर्य का “कटा हुआ” रूप देख सकेंगे।

भविष्य के ग्रहण, सुरक्षा टिप्स और वैज्ञानिक महत्व

भविष्य के ग्रहण, सुरक्षा टिप्स और वैज्ञानिक महत्व

21 सितंबर 2025 का आंशिक ग्रहण 2025 का आख़िरी सौर ग्रहण होगा, लेकिन अगले कुछ वर्षों में खगोलीय उत्सवों की श्रृंखला जारी रहेगी। 2026 में दो बड़े ग्रहण होंगे:

  1. 17 फ़रवरी 2026 को वलयाकार (annular) सौर ग्रहण, जो अफ़्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, भारतीय महासागर व अंटार्कटिका पर दिखाई देगा।
  2. 12 अगस्त 2026 को पूर्ण (total) सौर ग्रहण, जो ग्रीनलैंड, आइसलैण्ड, रूस, पुर्तगाल व स्पेन में देखा जाएगा। यह यूरोप के मुख्यभूमि से पहला पूर्ण ग्रहण होगा, 1999 के बाद।

2027 में भी दो प्रमुख घटनाएँ होंगी। 6 फ़रवरी 2027 को वलयाकार ग्रहण अफ़्रीका व दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा, और 2 अगस्त 2027 को पूर्ण सौर ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों, विशेषकर उत्तर-पूर्वी भाग में देखे जाने की उम्मीद है। इस प्रकार, भारतीय दर्शकों को 2027 में पूर्ण ग्रहण का पहला मौका मिलेगा।

सौर ग्रहण केवल दृश्य आनंद नहीं देते; वैज्ञानिकों के लिए ये महत्त्वपूर्ण प्रयोगशालाएँ हैं। ग्रहण के दौरान सूर्य के कोरोना (corona) का अध्ययन किया जाता है, जिससे सूर्य की बाहरी परत की संरचना और तापमान का पता चलता है। साथ ही, यह पृथ्वी के वायुमंडल में होने वाले अल्बिडो (reflectivity) परिवर्तन को मापने में मदद करता है। इसलिए कई अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों और विश्वविद्यालयों ने इस ग्रहण को अनुसंधान हेतु earmarked किया है।

सुरक्षित रूप से ग्रहण देखने के लिए कुछ आसान उपाय हैं:

  • सौर नज़र के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए ग्रहण-चश्मे का उपयोग करें।
  • यदि आप पिनहोल प्रोजेक्शन या बिंजिंग ऑप्टिकल डिवाइस बनाते हैं, तो उसे हमेशा दृढ़ता से स्थिर रखें।
  • स्मार्टफ़ोन या कैमरा से ग्रहण देखते समय हमेशा सूर्य फिल्टर लगाएँ, क्योंकि बिना फ़िल्टर के सेंसर गंभीर नुकसान सह सकते हैं।

सौर ग्रहण की पौराणिक कहानियाँ और सामाजिक प्रभाव भी बहुत गहरे रहे हैं। प्राचीन मेसोपोटामिया, चीन और मेक्सिको में इन घटनाओं को देवताओं की संदेशवाहक या बुरे भविष्य का संकेत माना जाता था। आज विज्ञान ने इन कहानियों को तोड़ दिया है, लेकिन फिर भी ग्रहण लोगों को एकत्रित करके, आश्चर्य और जिज्ञासा के साथ जोड़ता है।

जैसे ही सितम्बर इक्विनॉक्स पास आता है, दक्षिणी गोलार्ध में वसंत की टहनियाँ ढ़लने लगती हैं, और इस ग्रहण का समय इस बदलाव के साथ संगत है। एक ओर धूप का कम होना और दूसरी ओर रात के समय में सूर्य का हटा दिखना, हमें अंतरिक्ष की सटीक चाल पर भरोसा कराता है। आगे के ग्रहणों की तैयारियों के साथ, इस चरणिक सौर ग्रहण को यादगार बनाने के लिये कुछ समय निकालें – चाहे ऑनलाइन देख रहे हों, या भविष्य में अपने देश में दृश्य होने का इंतजार कर रहे हों।

संक्षेप में, 21 सितंबर 2025 को होने वाला आंशिक सौर ग्रहण खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिये एक बड़ा अवसर है। इसका विस्तारित समय, विविध दृश्य क्षेत्र, और अगले वर्षों में होने वाले प्रमुख ग्रहण इसे एक महत्वपूर्ण खगोलीय कैलेंडर में जगह दिलाते हैं। तैयार रहें, सुरक्षा पैकेज लेकर, और इस अद्भुत ब्रह्मांडीय नृत्य को अनुभव करें।

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