भारतीय महिला क्रिकेट टीम को मिलेगा 125 करोड़ का इनाम? वर्ल्ड कप फाइनल से पहले बीसीसीआई का बड़ा ऐलान

/ द्वारा parnika goswami / 11 टिप्पणी(s)
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को मिलेगा 125 करोड़ का इनाम? वर्ल्ड कप फाइनल से पहले बीसीसीआई का बड़ा ऐलान

भारतीय महिला क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज नावी मुंबई के डीवाई पार्टिल स्टेडियम पर आयोजित होने वाले आईसीसी महिला ओडीआई वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में जीत के बाद टीम को बीसीसीआई 125 करोड़ रुपये का इनाम देने की संभावना है। यह रकम भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में कभी नहीं देखी गई बड़ी राशि है — यह लगभग 15 मिलियन डॉलर के बराबर है, और पिछले किसी महिला टूर्नामेंट के इनाम से लगभग 10 गुना ज्यादा है। यह घोषणा एनडीटीवी स्पोर्ट्स ने 1 नवंबर, 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में की है, जिसमें बीसीसीआई के आंतरिक दस्तावेज़ का हवाला दिया गया है। यह सिर्फ एक इनाम नहीं, बल्कि एक संदेश है: भारत महिला क्रिकेट को अब सच्चाई से लेकर वित्तीय सम्मान तक समान रूप से देख रहा है।

फाइनल का मैच और टीमों की स्थिति

इस फाइनल में भारत की टीम हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में उतरेगी, जिसने टूर्नामेंट भर में अपनी शानदार बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता से टीम को आगे बढ़ाया है। उनके साथ खेलेंगी स्मृति मंधाना, शफाली वर्मा, जेमिमाह रोड्रिग्स और ऑलराउंडर दिप्ति शर्मा। ये चारों खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान टीम के बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं।

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका की टीम लॉरा वोल्वार्ड्ट की कप्तानी में आई है, जिसने लीग स्टेज में भारत के खिलाफ 252 रनों के लक्ष्य को 3 विकेट और 7 गेंदों के साथ पूरा कर दिया था। उनकी टीम में मैरिज़न कैप, नादिन डी क्लर्क और तसनीम ब्रिट्स जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जो अपनी चेसिंग क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह लीग मैच अब फाइनल के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक दबाव बन गया है — भारत को एक बार फिर उसी टीम को हराना है, लेकिन अब एक अलग पिच पर।

पिच का फर्क: गुवाहाटी से नावी मुंबई का बदलाव

यहाँ की सबसे बड़ी चुनौती है पिच का अंतर। लीग स्टेज के दौरान भारत ने गुवाहाटी में खेला था, जहाँ पिच धीमी और गेंदबाजों के लिए अनुकूल थी। लेकिन डीवाई पार्टिल स्टेडियम में यह बिल्कुल अलग है — यह एक बल्लेबाजी के लिए बनी पिच है, जहाँ 280-300 रनों का टोटल भी चेस के लिए बहुत सामान्य है। टीम मैनेजमेंट ने इसीलिए अपनी प्लेइंग इलेवन में बदलाव की तैयारी की है। शायद एक और स्पिनर की जगह एक और बल्लेबाज आएगा, या एक फास्ट बॉलर को बर्बरी में बैठाया जाएगा।

यह बदलाव बहुत जरूरी है। क्योंकि जब एक टीम अपनी जीत के लिए उसी प्लेइंग इलेवन को बरकरार रखती है, जो एक अलग पिच पर काम कर गई है, तो वह अपनी जीत के अवसर को खो सकती है। बीसीसीआई के अंदरूनी डेटा के अनुसार, पिछले दो साल में नावी मुंबई में खेले गए 12 महिला ओडीआई मैचों में से 9 में टीम ने चेस करके जीत हासिल की है। यह आंकड़ा बताता है कि यहाँ बल्लेबाजी की भूमिका तय करती है।

125 करोड़ का इनाम: क्यों अब?

यह राशि सिर्फ एक इनाम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निर्णय है। बीसीसीआई ने पिछले कुछ वर्षों में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं — विमेन्स प्लीमर्स लीग की शुरुआत, महिला खिलाड़ियों के लिए समान वेतन का आवेदन, और अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए बेहतर अनुशासन। लेकिन अब यह राशि बताती है कि वे इसे सिर्फ एक अच्छा इरादा नहीं, बल्कि एक बड़ा निवेश मानते हैं।

इससे पहले, भारतीय महिला टीम को किसी वर्ल्ड कप जीत के लिए सिर्फ 25 करोड़ रुपये मिले थे। यह राशि भी तब बहुत बड़ी लगी थी। लेकिन अब यह बढ़कर पांच गुना हो गई है। यह बदलाव दर्शाता है कि भारतीय समाज अब महिला खिलाड़ियों को उतना ही सम्मान देने को तैयार है, जितना पुरुष खिलाड़ियों को।

फाइनल का असर: सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, एक नया युग

अगर भारत जीतता है, तो यह सिर्फ एक वर्ल्ड कप जीत नहीं होगी। यह एक नए युग की शुरुआत होगी — जहाँ महिला क्रिकेट अब सिर्फ एक स्पोर्ट्स इवेंट नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक और आर्थिक घटनाक्रम बन जाएगा। यह इनाम नए लड़कियों के लिए एक प्रेरणा होगा। एक गाँव की लड़की, जो अभी बाल्टी से पानी भरकर घर लाती है, अब सोच सकती है: "मैं भी एक दिन डीवाई पार्टिल स्टेडियम में खेल सकती हूँ, और 125 करोड़ कमा सकती हूँ।"

दूसरी ओर, अगर दक्षिण अफ्रीका जीत जाता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ा झटका होगा — न केवल ट्रॉफी के लिए, बल्कि एक बड़े वित्तीय लक्ष्य के लिए भी। लेकिन यह भी एक संदेश देगा: महिला क्रिकेट अब दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी खेलों में से एक बन गया है।

अगले कदम

अगर भारत जीतता है, तो बीसीसीआई की अगली चुनौती होगी — इस राशि को कैसे वितरित किया जाए? क्या यह सिर्फ टीम को मिलेगा, या इसका एक हिस्सा ट्रेनर्स, स्टाफ, और यहाँ तक कि स्थानीय क्रिकेट संगठनों को भी दिया जाएगा? इस बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

वहीं, आईसीसी भी इस बात को ध्यान में रख रहा है कि अब अगले वर्ल्ड कप के लिए महिला टूर्नामेंट के लिए बेहतर बजट और प्रचार तैयार किया जाए। यह फाइनल न सिर्फ एक मैच है, बल्कि एक बदलाव का निशान है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर 125 करोड़ का इनाम घोषित किया है?

अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यह राशि केवल एनडीटीवी स्पोर्ट्स की एक रिपोर्ट में आई है, जिसमें बीसीसीआई के आंतरिक दस्तावेज़ का हवाला दिया गया है। बीसीसीआई के अधिकारियों ने अभी तक किसी भी बयान पर टिप्पणी नहीं की है।

इस इनाम से महिला क्रिकेट को क्या फायदा होगा?

यह इनाम महिला खिलाड़ियों के लिए एक भावनात्मक और आर्थिक बढ़ावा देगा। यह दर्शाता है कि उनकी उपलब्धियों का मूल्य अब पुरुषों के बराबर है। इससे युवा लड़कियों को खेल के प्रति आकर्षित करने में मदद मिलेगी, और राज्य स्तर पर महिला क्रिकेट अकादमियों को फंडिंग मिलने की संभावना बढ़ेगी।

पिछले वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम को कितना इनाम मिला था?

2022 के वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम को फाइनल में पहुँचने पर 25 करोड़ रुपये मिले थे। अगर वे जीततीं, तो वह राशि 50 करोड़ तक बढ़ जाती। अब यह राशि 125 करोड़ हो गई है, जो दोगुना से भी ज्यादा है — यह बताता है कि भारत महिला क्रिकेट को कितना गंभीरता से ले रहा है।

क्या दक्षिण अफ्रीका की टीम के लिए भी कोई इनाम है?

हाँ, आईसीसी ने इस वर्ल्ड कप के लिए कुल 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) का पुरस्कार राशि घोषित की है। विजेता को 60 लाख डॉलर, उपविजेता को 30 लाख डॉलर मिलेगा। इसलिए दक्षिण अफ्रीका को भी लगभग 25 करोड़ रुपये मिलेंगे — लेकिन भारत के लिए बीसीसीआई का अतिरिक्त इनाम इसे बहुत बड़ा बना देता है।

डीवाई पार्टिल स्टेडियम क्यों खास है?

यह स्टेडियम 55,000 लोगों को समेट सकता है और इसकी पिच बल्लेबाजी के लिए बहुत अनुकूल है। पिछले 5 साल में यहाँ खेले गए 18 मैचों में से 14 में टीम ने चेस करके जीत हासिल की है। इसलिए टीमों को अपनी प्लेइंग इलेवन में बल्लेबाजों को बढ़ावा देना पड़ता है। यही कारण है कि भारत ने गुवाहाटी के बाद अपनी टीम में बदलाव करने की योजना बनाई है।

इस फाइनल का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यह मैच भारत में महिलाओं के लिए खेलों के प्रति दृष्टिकोण बदलने का एक मोड़ हो सकता है। अगर भारत जीतता है, तो यह न सिर्फ एक खेल की जीत होगी, बल्कि एक सामाजिक जीत होगी — जहाँ लड़कियों के लिए अवसरों का दरवाजा खुल जाएगा। इस फाइनल के बाद शायद हम देखेंगे कि बाल्टी से पानी भरने वाली लड़की अब बल्ला उठाकर खड़ी हो रही है।

टिप्पणि

  • Ananth SePi
    Ananth SePi

    अरे भाई सुनो ये 125 करोड़ का नंबर तो बहुत बड़ा लग रहा है पर देखो न कि ये पैसे कहाँ जा रहे हैं? क्या ये सिर्फ खिलाड़ियों के बैंक अकाउंट में जाएंगे या फिर गाँव की उस लड़की के लिए जो अभी बाल्टी से पानी भरकर आ रही है? मैंने देखा है बीसीसीआई के अंदर कुछ लोग तो अपने नाम से फैक्ट्री चलाते हैं जहाँ बेस्ट बॉलर्स के जूते बनते हैं... अगर ये पैसे उनके नाम पर जाएंगे तो हम फिर से एक नया धोखा देख रहे होंगे। और ये बीसीसीआई के आंतरिक दस्तावेज़? अरे भाई वो दस्तावेज़ तो बिल्कुल भी असली नहीं हैं - वो तो एनडीटीवी ने अपने लिए बना लिए हैं ताकि वीडियो क्लिक्स बढ़ जाएं।

  • Gayatri Ganoo
    Gayatri Ganoo

    ये सब बकवास है एक दिन भी नहीं बचेगा जब ये लोग अपने बेटे को फुटबॉल खेलने भेजेंगे और बेटी को क्रिकेट खेलने के लिए नहीं भेजेंगे ये सब बातें सिर्फ टीवी पर दिखाने के लिए हैं और जब वो ट्रॉफी जीत लेंगे तो फिर से वो खिलाड़ियों को भूल जाएंगे और अपने बेटों के लिए नए स्टेडियम बनाएंगे

  • harshita sondhiya
    harshita sondhiya

    ये सब नाटक है बीसीसीआई ने कभी महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया और अब जब वो जीतने वाली हैं तो इनाम देने की बात कर रहे हैं? ये लोग तो उन्हें जब जरूरत नहीं थी तो गालियाँ देते थे अब जब ट्रॉफी का नाम है तो इनाम देने की बात कर रहे हैं? ये बदलाव सिर्फ इमेज के लिए है न कि दिल से। अगर वो सच में चाहते होते तो बच्चियों के लिए गाँवों में क्रिकेट कोर्ट तो बनाते ही नहीं थे।

  • Balakrishnan Parasuraman
    Balakrishnan Parasuraman

    हमारी महिला टीम ने जो किया है वो दुनिया के सामने गर्व की बात है। अगर बीसीसीआई ने 125 करोड़ देने का फैसला किया है तो ये सिर्फ शुरुआत है। ये पैसे भारत के नाम के लिए दिए जा रहे हैं। हमने अपनी बेटियों को दुनिया को दिखा दिया है कि हम भी जीत सकते हैं। ये इनाम देने वाले लोग तो बस अपनी जेब से निकाल रहे हैं न कि देश की जेब से। ये देश की शक्ति है और इसे सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।

  • Animesh Shukla
    Animesh Shukla

    अगर हम इस इनाम को सिर्फ एक राशि के रूप में देखें, तो ये बहुत बड़ी लगती है, लेकिन अगर हम इसे एक सामाजिक संदेश के रूप में देखें, तो ये बहुत गहरा है। ये बताता है कि हमारा समाज अब लड़कियों के लिए उतना ही खुला है जितना लड़कों के लिए। लेकिन क्या ये राशि असल में उन लोगों तक पहुँचेगी जिन्हें जरूरत है? क्या ये एक बच्ची के लिए बेसिक गियर खरीदने के लिए भी काम आएगी? या फिर ये सिर्फ एक बड़ी तस्वीर बनाने के लिए है जिसे टीवी पर दिखाया जाए? इसके पीछे की सच्चाई क्या है? ये एक बड़ा सवाल है।

  • Abhrajit Bhattacharjee
    Abhrajit Bhattacharjee

    मैं तो बहुत खुश हूँ कि ये इनाम आया है। लेकिन मैं चाहता हूँ कि ये पैसे सिर्फ टीम को न दिए जाएं, बल्कि उन लोगों को भी मिलें जो इन खिलाड़ियों को बनाते हैं - ट्रेनर्स, कोच, फिजियोथेरेपिस्ट, और यहाँ तक कि उन गाँवों के लोग जहाँ बच्चियाँ बिना जूतों के खेलती हैं। अगर ये पैसे वहाँ जाएंगे तो ये इनाम सच में एक बदलाव ला सकता है।

  • Raj Entertainment
    Raj Entertainment

    ये लोग तो बस अपनी खुशी के लिए बात कर रहे हैं। असल में ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप देखें तो गाँव में अभी भी बहुत सारी लड़कियाँ हैं जिनके पास क्रिकेट बैट भी नहीं है। ये इनाम तो बड़ा है, लेकिन अगर ये लोग अपने घर बैठे बैठे इनाम दे रहे हैं तो ये असली बदलाव नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि लड़कियाँ खेलें तो पहले उनके लिए मैदान बनाओ।

  • Manikandan Selvaraj
    Manikandan Selvaraj

    ये सब झूठ है बीसीसीआई के अंदर कोई नहीं जानता कि ये इनाम कैसे दिया जाएगा और अगर भारत जीत गया तो ये पैसे गायब हो जाएंगे और फिर एक नया बयान आएगा कि इनाम देने के लिए पैसे नहीं हैं ये सब बस टीवी के लिए है

  • Naman Khaneja
    Naman Khaneja

    भाई ये तो बहुत बड़ी बात है! अगर ये लड़कियाँ जीत गई तो ये पैसे उनके लिए बहुत बड़ा सपना होगा। मैंने अपने भाई की बेटी को देखा है वो बिना जूतों के गेंद मार रही थी। अगर ये पैसे उसके लिए भी आएंगे तो वो दुनिया की बेस्ट खिलाड़ी बन सकती है। जीतो भारत! 💪🏏

  • Gaurav Verma
    Gaurav Verma

    इनाम देने का नाटक कर रहे हो। अगर वो असली चाहते तो लड़कियों को गाँव में बेसिक फैसिलिटी देते। ये बस टीवी पर दिखाने के लिए है।

  • Fatima Al-habibi
    Fatima Al-habibi

    125 करोड़ तो बहुत बड़ी राशि है, लेकिन क्या यह राशि वास्तव में उन लोगों तक पहुँचेगी जिन्हें इसकी आवश्यकता है? या फिर यह सिर्फ एक आधिकारिक बयान है जिसका उद्देश्य दर्शकों को खुश करना है? यह एक सुंदर कहानी है, लेकिन क्या यह वास्तविकता है?

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