नए दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के CBDT ने 13 जून 2025 को आयकर निरीक्षण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में यह कहा गया है कि कर निरीक्षण के दौरान पूछे जाने वाले सवालों को औचित्यपूर्ण और विशिष्ट होना चाहिए, जिससे करदाता पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
इस पहल के पीछे मुख्य विचार यह है कि अधिकारी केवल वही प्रश्न उठाएँ जो सीधे करदाता के रिटर्न या वित्तीय स्थिति से जुड़ते हों, न कि सामान्य या ‘फिशिंग’ जैसा कोई व्यापक प्रश्नावली।
- आकलन इकाई प्रमुख (जैसे अतिरिक्त आयुक्त, संयुक्त आयुक्त) को निरीक्षण नोटिस और आदेशों की गुणवत्ता के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी दी गई है।
- फेसलेस असेसमेंट ऑफिसर (FAO) को मन की लगन से प्रश्न तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि हर प्रश्न का कानूनी आधार स्पष्ट हो।
- प्रमुख आयकर आयुक्तों (PCCIT) को मासिक आधार पर अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित कर निर्देशों के पालन को जाँचने का काम सौंपा गया है।

क्रियान्वयन, निगरानी और प्रभाव
नए दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये एक व्यवस्थित निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है। PCCIT को हर महीने निरीक्षण के परिणामों पर एक विस्तृत रिपोर्ट उच्च अधिकारीगणों को भेजनी होगी, जिससे प्रक्रियागत मानकों की निरंतरता बनी रहे।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी आयकर रिटर्नों में से जिन मामलों को चयनित किया गया है, उन पर यह प्रक्रिया लागू होगी। चयन मानदंड के अनुसार केवल वही रिटर्न पूरी जांच के लिये चुने जाएंगे, जो पूर्वनिर्धारित जोखिम मानकों को पूरा करते हैं।
यह कदम न केवल कर प्रशासन की दक्षता बढ़ाता है, बल्कि करदाता के विश्वास को भी सुदृढ़ करता है। जब करदाता देखता है कि प्रश्न स्पष्ट और वैध हैं, तो वह सहयोगी ढंग से जवाब देने की अधिक प्रवृत्ति रखता है।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के सुधार से आयकर संग्रह में दीर्घकालिक सुधार संभव हो सकता है, जबकि कर चोरी की दर को भी घटाया जा सकता है। साथ ही, इससे न्यायालय में आयकर से जुड़े मामलों की संख्या भी कम हो सकती है, क्योंकि अधिकतर विवाद प्रारंभिक चरण में ही सुलझ जाएंगे।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि CBDT द्वारा उठाया गया यह कदम कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और करदाता‑मित्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में इस प्रकार की पहलें कर प्रशासन में और अधिक तकनीकी नवाचार और मानव‑केंद्रित सुधार लाने की उम्मीद जगाती हैं।
एक टिप्पणी लिखें