डजोकविच ने स्ट्रफ़ को साफ जीत, फ्रीट्ज़ को परास्त, अल्काराज़ से सेमीफ़ाइनल हार

/ द्वारा parnika goswami / 15 टिप्पणी(s)
डजोकविच ने स्ट्रफ़ को साफ जीत, फ्रीट्ज़ को परास्त, अल्काराज़ से सेमीफ़ाइनल हार

जब Novak Djokovic, टेनिस खिलाड़ी, सर्बियाई ने Jan-Lennard Struff को 6-3, 6-3, 6-2 से हराया, तो टेनिस जगत में एक नई चर्चा शुरू हो गई। यह मैच रविवार, 1 सितंबर 2025 को Arthur Ashe Stadium, Flushing Meadows में हुआ, जहाँ US Open 2025न्यूयॉर्क का तीसरा राउंड चल रहा था। लगभग दो घंटे में समाप्त इस मुकाबले में डजोकविच ने अपनी रिटर्न और सर्विस में अद्भुत संतुलन दिखाया, जबकि स्ट्रफ़ को अपने पिछले हार्डकोर्ट जीत की लहर को जारी रखने में कठिनाई हुई।

US Open 2025 में डजोकविच की जीत की पृष्ठभूमि

डजोकविच ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत बहुत ही सावधानी से की। पहले दो राउंड में उसने चार सेट की लड़ाइयाँ झेली, लेकिन वह जल्दी ही अपनी फ़ॉर्म पा गया। इस साल के शुरुआती चरणों में, ATP ने घोषित किया था कि डजोकविच ने अपना 100वाँ टाइटल जीतने की कगार पर पहुँच गया है – वह पहला खिलाड़ी है जिसने 20 लगातार सालों तक शीर्ष स्तर पर टाइटल हासिल किया।

स्ट्रफ़, जो इस वर्ष जर्मनी का क्वालीफ़ायर था, ने रोमांचक जीत के बाद रून और टियाओफ़ी को क्रमशः गिरा दिया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उसे अपनी सर्विस को तेज़ और सटीक रखने में मदद मिल रही थी। लेकिन डजोकविच की सटीक रिटर्न ने स्ट्रफ़ के हिट्स को तोड़‑फोड़ कर दिया।

स्ट्रफ़ के खिलाफ दोहराई गई डॉमिनेंस

मैच के दौरान Clay Sniteman, ATP के फिजियोथेरेपिस्ट, ने डजोकविच को दो बार मदद की – पहले कंधे‑गर्दन के बीच और फिर दाहिने फोरआर्म पर। बावजूद इसके, डजोकविच का खेल कोई असर नहीं दिखा। "मैं ठीक हूँ, लेकिन शरीर कह रहा है कि अभी आराम की ज़रूरत है," उन्होंने हल्के अंदाज़ में कहा।

स्ट्रफ़ ने इस बात को समझा कि वह डजोकविच के आक्रमण के सामने टिक नहीं पा रहा। पहला सेट 6-3 से खत्म हुआ, दूसरे में भी वही कहानी दोहराई गई, और तीसरे सेट में तो डजोकविच ने 6-2 के साथ अपना विजयी पैर छाप दिया। स्ट्रफ़ की कोशिशें केवल आँकड़ों में दिखी – 12 सर्विस एसेस और 8 ब्रेक पॉइंट्स, लेकिन डजोकविच की रैली‑भारी रणनीति ने उसे अंत तक हतोत्साहित किया।

फ्रीट्ज़ पर जीत और अल्काराज़ के साथ मुकाबला

फ्रीट्ज़ पर जीत और अल्काराज़ के साथ मुकाबला

स्ट्रफ़ को हराने के बाद डजोकविच ने 3 सितंबर को Taylor Fritz (नंबर 4) के खिलाफ क्वार्टर‑फ़ाइनल खेला। इस बार, टेनिस कोर्ट पर ऊर्जा की कमी नहीं थी; डजोकविच ने खुद को 7‑6, 6‑4 से साबित कर दिखाया और अगले चरण के लिए जगह बनाई।

फ्रिट्ज़ के साथ रोमांचक मुकाबले के बाद, सत्र में डजोकविच ने Carlos Alcaraz (नंबर 2) को लंदन के बाद पहली बार न्यूयॉर्क में मिलते हुए देखा। अल्काराज़, जो पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं हार रहा था, ने 6‑4, 7‑6, 6‑2 की तेज़ जीत पक्की कर दी। डजोकविच ने बाद में बताया, "मैं अपनी टेनिस लेवल से खुश हूँ, लेकिन उम्र के साथ शारीरिक सीमाएँ सामने आ रही हैं।" इस हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि 38 साल की उम्र में भी वह ग्रैंड स्लैम सेमी‑फ़ाइनल तक पहुंच गया, लेकिन फाइनल तक नहीं।

शारीरिक चुनौतियों और करियर की नई सीमाएँ

डजोकविच ने इस सत्र में कई रिकॉर्ड तोड़े: 100वाँ ATP टाइटल, 258‑वाँ टॉप‑10 जीत, 194 हार्ड‑कोर्ट ग्रैंड स्लैम जीत आदि। फिर भी, शारीरिक थकान ने उसकी क्षमताओं को सीमित किया। "मैं हर घर में अपनी बेस्ट दे रहा हूँ, पर उम्र का असर अब अनदेखा नहीं किया जा सकता," उन्होंने 5 सप्टेंबर को एक साक्षात्कार में कहा।

विशेषज्ञों की राय भी समान है। जोहा बर्नर, टेनिस कोच और विश्लेषक, ने कहा, "डजोकविच ने इस सत्र में दिखा दिया कि वह अभी भी शीर्ष पर है, लेकिन उसकी रिट्रिवल टाइम और रिकवरी अब पिछले सालों जैसी नहीं है। यह नॉर्मल है, लेकिन वह अभी भी सभी चार ग्रैंड स्लैम में सेमी‑फ़ाइनल में पहुँच चुका है – यह एक असाधारण उपलब्धि है।"

ऐतिहासिक आकड़े और भविष्य की राह

ऐतिहासिक आकड़े और भविष्य की राह

  • कुल ग्रैंड स्लैम क्वार्टर‑फ़ाइनल ‑ 64 (पिछले 60 से बढ़ते हुए)
  • सेमी‑फ़ाइनल रिकॉर्ड ‑ 53 (पिछले 49 से)
  • टॉप‑10 जीत ‑ 262 (लगातार बढ़ते हुए)
  • हार्ड‑कोर्ट जीत ‑ 194 (फ़ेडरर के 191 को मात)
  • मैस्टर्स 1000 जीत ‑ 415 (नडाल की 410 को पीछे छोड़ते हुए)

भविष्य की बात करें तो डजोकविच ने कहा कि वह 2026 में भी ग्रैंड स्लैम खेलना चाहता है, लेकिन उसे अपने शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाने की जरूरत होगी। इस बीच, अल्काराज़ और फ्रीट्ज़ जैसे युवा खिलाड़ी टॉप‑10 में जगह बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, और यह टेनिस की नई पीढ़ी को दर्शाता है कि प्रतिस्पर्धा कैसे विकसित होगी।

Frequently Asked Questions

डजोकविच की हार का प्रमुख कारण क्या था?

विशेषज्ञ मानते हैं कि उम्र के साथ रिकवरी टाइम में कमी और कंधे‑गर्दन तथा फोरआर्म में लगातार दर्द ने उसके प्रदर्शन को सीमित किया, जबकि अल्काराज़ की तेज़ गति और स्थिरता ने निर्णायक भूमिका निभायी।

US Open 2025 में डजोकविच ने कौन‑कौन से रिकॉर्ड तोड़े?

उन्होंने 100वाँ ATP टाइटल, 262 टॉप‑10 जीत, 194 हार्ड‑कोर्ट ग्रैंड स्लैम जीत, तथा सभी चार ग्रैंड स्लैम में एक ही साल में सेमी‑फ़ाइनल तक पहुँचने का सबसे उम्र‑उच्च रिकॉर्ड स्थापित किया।

टॉप‑10 रैंक वाले खिलाड़ी इस सत्र में कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं?

टॉप‑10 में समायोजित कई युवा खिलाड़ी, जैसे अल्काराज़ और फ्रीट्ज़, लगातार हार्डकोर्ट पर दबाव बना रहे हैं, जबकि डजोकविच जैसी अनुभवी हस्तियां अब शारीरिक सीमाओं के कारण लगातार फाइनल नहीं पहुँच पा रही हैं।

डजोकविच के भविष्य के योजनाओं में क्या शामिल है?

उन्होंने बताया कि 2026 में भी ग्रैंड स्लैम खेलने की इच्छाशक्ति है, लेकिन उसकी प्राथमिकता शरीर को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और चोटों से बचाव पर होगी।

US Open 2025 के दौरान टेनिस दर्शकों ने क्या महसूस किया?

दर्शकों ने डजोकविच की उम्र‑सीमा को चुनौती देते हुए खेलते देख कर आश्चर्य और सम्मान दोनों महसूस किया, साथ ही युवा सुपरस्टार्स के तेज़ खेल ने भी उत्साह को बढ़ाया।

टिप्पणि

  • Subi Sambi
    Subi Sambi

    डजोकविच की जीत तो ठीक है, लेकिन स्ट्रफ़ को इतनी आसानी से छोड़ देना एक हल्का‑फुल्का मूर्खतापूर्ण प्रदर्शन है। उनका सर्विस गेज़ पहले जैसा नहीं रहा, और रिटर्न पर ज़्यादा टॉलरेंस देखी गई। अब उम्र के साथ फ़िज़ियोथेरेपी की जरूरत बढ़ गई है, यही का कारण हो सकता है। टॉप‑10 में रहने के लिए अभी भी मेहनत करनी पड़ेगी, नहीं तो अंत में धूप में पिघल जाएगा।

  • Abirami Nagarajan
    Abirami Nagarajan

    डजोकविच की उम्र चाहे जितनी हो, उनके खेल में अभी भी काबिलियत है।

  • Mayur Sutar
    Mayur Sutar

    अमेरिका में US Open का माहौल हमेशा से ही electrifying रहता है, और इस बार भी ऐसा ही रहा। डजोकविच ने स्ट्रफ़ को साफ‑सुथरा हराया, जिससे उनके फैंस को खुशी मिली। युवा खिलाड़ी अल्काराज़ को देखना भी दिलचस्प था, क्योंकि वह नया उत्साह लाते हैं।

  • Amit Agnihotri
    Amit Agnihotri

    डजोकविच ने अभी भी टॉप लेवल पर खेला, पर उम्र की सीमा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगली बार शायद फिटनेस में थोड़ा और ध्यान देना पड़ेगा।

  • gaganpreet singh
    gaganpreet singh

    डजोकविच की इस जीत को देखते हुए हमें याद रखना चाहिए कि टेनिस सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक मानव शक्ति का प्रतीक है।
    उनका बैकहैंड अभी भी क्वार्टरफ़ाइनल में अजेय है, जबकि कंधे में हल्की सी चोट ने उन्हें थोड़ी चुनौती दी।
    उसे भी याद रखना चाहिए कि शरीर की सीमाएँ अंततः प्रदर्शन को निर्धारित करती हैं।
    स्ट्रफ़ को दिए गए स्कोर से पता चलता है कि डजोकविच ने अपनी रिटर्न को ऊपर से नीचे तक मैप किया।
    रिकवरी टाइम में कमी के कारण वह अब पिछले साल जैसे त्वरित नहीं हो पा रहे।
    भविष्य में शायद वे अधिक रणनीतिक खेल अपनाएँगे, क्योंकि शारीरिक शक्ति सीमित हो रही है।
    अभी की लिग में युवा प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जैसे अल्काराज़ और फ्रिट्ज़।
    इन खिलाड़ियों के तेज़ रैली ने डजोकविच को मजबूर किया कि वह अपने खेल को अनुकूलित करे।
    फिजियोथेरेपी की मदद से वह अभी भी शीर्ष पर हैं, पर यह मदद स्थायी नहीं होगी।
    उन्हें जल्द ही अपनी फुटवर्क पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि कोर्ट पर गति कम हो रही है।
    इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उम्र एक बार नहीं, बल्कि निरन्तर चुनौती है।
    साथ ही, उनके लाइफस्टाइल में बदलाव भी आवश्यक है, जैसे डाइट और स्लीप पैटर्न।
    निस्संदेह, उनके रिकॉर्ड्स अभी भी बहुत प्रभावशाली हैं, जैसे 100वाँ ATP टाइटल।
    लेकिन रिकॉर्ड्स का आनंद तभी मिलता है जब शरीर उसको सपोर्ट करे।
    इसलिए वह भविष्य में अपने शारीरिक प्रबंधन को प्राथमिकता देंगे।
    कुल मिलाकर, डजोकविच का प्रदर्शन अभी भी शीर्ष स्तर का है, पर उनका भविष्य रणनीति में अधिक लचीलापन माँगेगा।

  • Neha Godambe
    Neha Godambe

    डजोकविच के खेल को देखते हुए मैं कहूँगा कि उनका मानसिक दृढ़ता अभी भी अडिग है!
    स्ट्रफ़ को आसान नहीं बनाया, पर उनका सर्विस एसेस शानदार रहे।
    भविष्य में शायद उन्हें कुछ आराम की जरूरत होगी, लेकिन अभी उनका आत्मविश्वास बुलंद है।
    टॉप‑10 में उनका स्थान सुरक्षित है, और यह टीमवर्क का फल है।

  • rupesh kantaria
    rupesh kantaria

    याht^े आंकड़े दर्शातॆ हैं िे के डजोकविच ने प्रतिवर्ष अपनी ओर से उदत्‍त प्रर्दर्शन दिया है।
    आधुनिख़्य मॆं शारीरिक सीमाएँ अवश्यम्‍भविया हैं परन्तु सिद्धान्ततः वे अब्बिॆ भी शिखरपर हैं।
    उहऩे यह् बतायाऐ हॆं कि भविष्व मेँ भी वे सक्रिय रहेंगे।

  • Nathan Tuon
    Nathan Tuon

    डजोकविच की मेहनत प्रेरणादायक है, और हमें भी अपने लक्ष्य की ओर धक्का देना चाहिए।
    आगे की प्रतियोगिताओं में उनका सच्चा धैर्य देखना मज़ेदार रहेगा।

  • shivam Agarwal
    shivam Agarwal

    भारत में भी टेनिस का प्यार बढ़ रहा है, और डजोकविच जैसे खिलाड़ियों से हम सीख सकते हैं।
    उनका अनुभव युवा एथलीट्स को मार्ग दिखाता है।
    आशा है हमारे खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह चमकें।

  • kishore varma
    kishore varma

    वाओ! डजोकविच ने स्ट्रफ़ को ऐसे हराया जैसे कोई आसान टास्क हो 🎾🔥

  • Kashish Narula
    Kashish Narula

    डजोकविच की जीत सच में शानदार!! लेकिन उम्र का बखान भी जरूरी है??

  • Sandeep KNS
    Sandeep KNS

    आह, यह तो वही पुरानी कहानी है जहाँ अनुभवी खिलाड़ी अपनी श्रेष्ठता को दिखाते हैं।
    डजोकविच ने फिर से साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, पर समय के साथ उनका खेल थोड़ा धीमा हो रहा है।
    भविष्य में शायद हमें उनके लिए एक विशेष औषधि की जरूरत पड़े।

  • Ashish Saroj( A.S )
    Ashish Saroj( A.S )

    डजोकविच की जीत को लेकर सभी हँसते हैं, पर वास्तविकता में यह सिर्फ एक क्षणिक सफलता है।; वह अब अपनी शारीरिक सीमाओं से नहीं बच सकते;; उम्र के साथ हर कोई गिरता है।

  • Nancy Ortiz
    Nancy Ortiz

    डजोकविच ने स्ट्रफ़ को 6‑3, 6‑3, 6‑2 से हराकर दिखाया कि उनका क्लिनिकल रिटर्न एनालिसिस अभी भी टॉप‑टियर है।
    उनके सर्विस एसेस में स्कोरिंग मैट्रिक्स को समझना मुश्किल नहीं; यह एक हाई‑इंटेंसिटी स्ट्रैटेजिक प्ले है।
    फिर भी, शारीरिक डिस्प्लेसमेंट को देखते हुए उनका फिजिकल पावर ग्लोबल रैंकिंग में थोड़ा डाउनग्रेड हो सकता है।
    आउटपुट वैरिएशन को मैनेज करने के लिए वे अब अधिक कूल‑डाउन रूटीन अपनाएंगे।

  • Pradeep Chabdal
    Pradeep Chabdal

    डजोकविच की स्ट्रफ़ के खिलाफ जीत एक क्लासिक केस स्टडी है जहाँ तकनीकी प्रोफ़ेशनलिज़्म ने शारीरिक सीमाओं को मात दी।
    भविष्य के टेनिस विश्लेषकों को इस मैच से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, विशेषकर रिटर्न पर फ़ोकस और कोर्ट कवरेज के संतुलन में।
    मैं मानता हूँ कि उनका अगला कदम शायद उसके फ़िज़ियो थैरेपी प्रोटोकॉल को अपडेट करना होगा, ताकि वह अपनी एन्ड्यूरेंस को बढ़ा सके।
    कुल मिलाकर, उनके रिकॉर्ड अब भी एक प्रेरणा स्रोत हैं, और यह दर्शाता है कि उम्र के साथ भी उत्कृष्टता संभव है।

एक टिप्पणी लिखें

*

*

*