जब राजेश रोकड़े, अध्यक्ष ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने कहा कि धंतरा 2025 में सिल्वर की कीमतें दो लाख रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास पहुँच गईं, तो देश भर के निवेशकों की धड़कन तेज़ हो गई। यह आंकड़ा सिर्फ कीमत नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक‑आर्थिक घटना को भी दर्शाता है। धंतरा 2025 भारत के दो दिन के उत्सव में सिल्वर की कीमतें अचानक 7 प्रतिशत गिरकर मुंबई और दिल्ली में लगभग ₹1,70,000 प्रति किलोग्राम पर स्थिर हुईं। इस हल्की‑सी गिरावट ने खरीदारों को ‘खरीदारी का सुनहरा मौका’ महसूस करवाई, जिससे बिक्री में जबरदस्त चोट लगा।
वर्तमान कीमतों का परिप्रेक्ष्य
जून 2025 में सिल्वर की कीमत लगभग ₹1,00,000 थी, लेकिन अक्टूबर के अंत तक यह दो गुना होकर ₹2,00,000 के करीब पहुँच गई। इस चौंकाने वाले उछाल के पीछे वैश्विक आपूर्ति में कमी, सौर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी उच्च‑तकनीकी उद्योगों की माँग, और निवेशकों की अटकलें प्रमुख कारण थीं। ब्लूमबर्ग के एक विश्लेषण के अनुसार, 2025 में सिल्वर की कीमत में 75 % वृद्धि देखी गई, जबकि एक ही साल में प्लेटिनम ने 80 % तक की छलांग लगाई।
धंतरा के दौरान कीमतों में हुई गिरावट
धंतरा के अगले दिन, अर्थात 1 नवम्बर को, स्पॉट रेट में लगभग ₹7,000 की गिरावट आई, जिससे कीमत ₹1,70,000/kg पर आ गई। मनीकंट्रोल के रिपोर्ट में बताया गया कि इस गिरावट के बाद भी सिल्वर की कीमत में एक महीना के आधार पर 24.20 % की बढ़ोतरी बनी रही। इसी दौरान, ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स ने उद्धृत किया कि सिल्वर की अमेरिकी कीमत $51.94 प्रति ट्रॉय औंस रही, जो पिछले दिन से 4.17 % नीचे थी, लेकिन साल‑से‑अब तक 54.10 % की ऊँचाई पर बनी रही।

बाजार विशेषज्ञों की राय
‘सिल्वर को अब एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट माना जा रहा है’ – ऐसा टिप्पणी ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने दी। उन्होंने बताया कि यद्यपि कुल मात्रा में 10‑15 % की गिरावट आई, लेकिन सिल्वर के सिक्के और पूजा‑सामान की बिक्री में 40 % की साल‑पर‑साल वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, 24‑कैरेट गोल्ड की कीमत ने 1‑2 % की गिरावट के बावजूद ₹1,32,000 प्रति 10 ग्राम का रेकॉर्ड बना रखा, जिससे बहुत से पारंपरिक खरीदार अब सिल्वर की ओर झुक रहे हैं।
उपभोक्ताओं का व्यवहार और बिक्री रुझान
धंतरा के दौरान 35‑40 % की वार्षिक वृद्धि देखी गई सिल्वर कॉइन बिक्री में, और कुल लेन‑देन का मूल्य दुगुना हो गया। छोटे‑बड़े दोनों ज्वेलरियों ने 1‑50 ग्राम के हल्के वजन वाले सिल्वर के टुकड़े बेचना शुरू किया, क्योंकि इनकी कीमत अभी भी सोने की तुलना में किफायती लगती है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी ट्रैफ़िक बढ़ा, जहाँ ख़रीदार ‘डिप’ यानी गिरावट का फायदा उठाना चाहते थे। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया कि मौसमी तेज़ी‑बेज़ी और कीमतों में छोटे‑छोटे बदलाव भी भारतीय उपभोक्ताओं की खरीद‑शक्ति को काफी प्रभावित करते हैं।

आगे की संभावनाएँ और जोखिम
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर वैश्विक आपूर्ति टपके नहीं, तो सिल्वर की कीमतें फिर से रिकॉर्ड‑हाई पर पहुँच सकती हैं, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह और अस्थिरता दोनों ही बढ़ेंगे। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) ने बताया कि दिसंबर 2025 डिलिवरी के लिए सिल्वर की कीमत अभी ₹1,63,499/kg पर ट्रेड हो रही है, जो पिछले दिन से 1.33 % बढ़ी है। इस प्रकार, आगे के महीनों में मूल्य‑सुधार या नई गिरावट दोनों ही संभावित हैं, और खरीदारों को अपने निवेश पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखने की जरूरत होगी।
- धंतरा 2025 पर सिल्वर की कीमत: ₹1,99,000‑₹2,00,000/kg (शिखर)
- धंतरा के बाद गिरावट: 7 % (₹1,70,000/kg)
- सिल्वर सिक्के बिक्री में वृद्धि: 35‑40 % YoY
- गोल्ड वॉल्यूम अनुमानित गिरावट: 15 %
- आगामी महीनों में संभावित अस्थिरता
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धंतरा 2025 में सिल्वर की कीमत क्यों इतनी बढ़ी?
वैश्विक आपूर्ति में कमी, सौर पैनल व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी औद्योगिक मांग, और निवेशकों की अट्टली अपेक्षाएँ मिलकर सिल्वर की कीमतों को लगभग 75 % बढ़ा दिया। विशेष रूप से भारत में धंतरा जैसी त्योहारी मांग ने कीमतों को और तेज़ कर दिया।
सिल्वर की कीमत में 7 % गिरावट से उपभोक्ताओं को क्या लाभ मिला?
गिरावट ने खरीदारों को ‘सस्ते में निवेश’ का मौका दिया। कई लोग हल्के वजन वाले 1‑50 ग्राम के टुकड़ों में कदम रखे, जिससे ज्वैलरी स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म दोनों पर बिक्री में स्प्रिंट आया।
गोल्ड के मुकाबले सिल्वर की भूमिका कैसे बदल रही है?
गोल्ड की कीमतों में तेज़ी के कारण कई पारंपरिक खरीदार अब सिल्वर को वैकल्पिक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। GJC के आंकड़ों के अनुसार, सिल्वर के सिक्के और पूजा‑सामान की बिक्री में 40 % की वृद्धि देखी गयी, जबकि गोल्ड की वॉल्यूम में 15 % कमी आ रही है।
आगे के महीनों में सिल्वर कीमतें कैसे चल सकती हैं?
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि वैश्विक आपूर्ति अवरोधित रही, तो कीमतें फिर से रिकॉर्ड‑हाई पर पहुँच सकती हैं। दूसरी ओर, मौसमी मांग‑संकुचन और संभावित मौद्रिक नीतियों के बदलाव से कीमतों में अस्थिरता जारी रह सकती है।
धंतरा के बाद कौन‑से निवेश विकल्प बेहतर हो सकते हैं?
यदि आप जोखिम‑संतुलित पोर्टफ़ोलियो चाहते हैं, तो मिश्रित निवेश—सिल्वर के साथ साथ थोड़ी गोल्ड और विविधीकृत इक्विटी—स्मार्ट रहेगा। विशेषकर 1‑50 ग्राम के हल्के सिल्वर बुल्क वाले विकल्प, दीर्घकालिक रिटर्न में मददगार हो सकते हैं।
एक टिप्पणी लिखें