दिल्ली में रोहित गोडारा‑गोल्डी ब्रार गैंग के दो हमलावरों की गिरफ़्तारी, मुनावेर फरूकी पर हत्या षडयंत्र विफल

/ द्वारा parnika goswami / 10 टिप्पणी(s)
दिल्ली में रोहित गोडारा‑गोल्डी ब्रार गैंग के दो हमलावरों की गिरफ़्तारी, मुनावेर फरूकी पर हत्या षडयंत्र विफल

जब मुनावेर फरूकी, स्टैंड‑अप कॉमेडियन की जान को खतरना था, तो दिल्ली के रास्ते पर दो हथियारबंद शूटरों की भागीदारी ने माहौल गरम कर दिया। यह झटका 2 अक्टूबर 2025 को जैत्रपुर‑कलिंदी कुंज रोड पर गोलीबारी और गिरफ़्तारीदिल्ली में हुआ, जहाँ दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने दो बंधकों को गोली‑बार के बीच नजदीकी से पकड़ा।

पृष्ठभूमि: मुनावेर फरूकी और अपराधी गैंग का रिश्ता

मुनावेर फरूकी, 33‑साल के उम्र वाले, 2024 में बिग बॉस जीत कर 1.42 करोड़ इंस्टाग्राम फॉलोअर्स तक पहुँचा। पर उसके चुटकुले, खासकर हिंदू देवताओं पर, कभी‑कभी तना‑बिना तक पहुँचते हैं। 2021 में मध्य प्रदेश में ‘हेट स्पीच’ के इल्ज़ाम में एक महीने तक जुल्म झेलना उनका पहला बड़ा झटका था।

अब साल 2025 में, उसके नाम पर रोहित गोडारागोल्डी ब्रार के गठबंधन ने अपनी गुन्हों की ‘हट्टी लिस्ट’ में उसे जोड़ दिया। यह गैंग पहले पंजाबी सिंगर सिधु मूसे वाला की हत्या (2022) और सलमान खान के घर पर बॉल्ट‑आउट (2023) से जानी‑पहचानी थी।

दिल्ली में गोलीबारी और दो शूटरों की कड़ी कार्रवाई

रात के करीब 3 बजे, राहुल (पानीपत, हरियाणा) और सहिल (भिवानी, हरियाणा) नाम के दो युवा अपने मोटर‑साइकिल पर आए। उनका उद्देश्य था मुनावेर फरूकी को दिल्ली में ‘अंतिम’ मौका देना। लेकिन दिल्ली पुलिस विशेष सेल की खुफिया टीम ने उनके रास्ते में जाल बिछा रखा था।

जैत्रपुर‑कलिंदी कुंज रोड पर पुलिस के साथ भिड़ंत शुरू हुई। दोनों शूटरों ने मुख़ाबला करने की कोशिश में कुछ गोलियां चलाईं; पुलिस ने तुरंत जवाबी बारी चलाते हुए दोनों के पैरों में चोटें पहुँचाईं। राहुल को पैर का गंभीर इन्ज़ुरी हुआ, जो पहले यमनु नगर में दिसंबर 2024 के त्रि‑हत्याकांड में संदिग्ध बना था। घटना के बाद दोनों को अस्पताल ले जाकर उपचार देने के साथ‑साथ हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस ने दो कारबिन, एक पिस्तौल और मोटर‑साइकिल जब्त की। कारबिनों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क के निशान मिले, जिससे यह साफ़ हो गया कि ये हथियार भारत के बाहर से सौंपे गये थे।

रहस्योद्घाटन: गैंग के उद्देश्य और अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव

साक्षात्कार में राहुल और सहिल ने बताया कि उन्हें सीधे रोहित गोडारागोल्डी ब्रार के आदेश मिले थे। दोनों भाई-बहन अभी विदेश में रह रहे हैं, लेकिन उनके पास ‘हिंदू धार्मिक भावना’ को ‘अपमानित’ करने वाले कॉमेडियन को खत्म करने की ‘शुरुआती योजना’ थी।

गैंग ने पहले मुंबई और बेंगलुरु दोनों में फ़रूकी की रूट‑मैपिंग की थी। बेंगलुरु में एक बार हमला ‘अधूरा’ रह गया, जब फ़रूकी ने आख़िरी मिनट में कार बदल ली। यही चतुराई ने उनके प्लान को बिखेर दिया, और अंततः दिल्ली में उन्हें पकड़ लिया गया।

पड़ताल के बाद के प्रभाव और विशेषज्ञों की राय

कायरो बी. सिंह, क्राइम एनालिटिक्स फर्म के वरिष्ठ विशेषज्ञ, कहते हैं – “यह मामला दर्शाता है कि भारतीय अपराध नेटवर्क अब ‘सीमा‑पार’ हो चुका है। ऐसे मामलों में खुफिया‑संयोजन और तेज़ कार्रवाई ही एकमात्र बचाव है।” उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी गैंगें अक्सर सोशल‑मीडिया के माध्यम से ट्विटर, इंस्टा पर ‘साझा‑ध्रुवीकरण’ का फायदा उठाती हैं, जिससे उनका प्रभाव और बढ़ता है।

दिल्ली पुलिस के उप‑चिफ़्रेटर ने कहा, “हमारी टीम ने 48 घंटे तक निगरानी रखी, फिर सही समय पर कार्रवाई की। इस जीत से भविष्य में समान खतरे को रोकने के लिये ‘इंटेल‑शेयरिंग’ मंच को मजबूती मिलेगी।”

आगे क्या अपेक्षा? सुरक्षा कदम और कानूनी प्रक्रिया

अब राहुल को यमनु नगर के त्रि‑हत्याकांड और फ़रूकी की हत्या षडयंत्र दोनों के लिए ‘अपराधी दण्ड संहिता’ के तहत केस फ़ाइल किया गया है। अदालत में अगले दो हफ़्तों में ब्रीफ़िंग सुनवाई तय है। यदि दोष सिद्ध हुआ, तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा होने की संभावना है।

साथ‑ही‑साथ, दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब ‘सुरक्षा परिपाठ’ को सभी बड़े‑पैरामीटर इवेंट्स में लागू किया जायेगा – चाहे वह टूर, शो या सार्वजनिक उपस्थिति हो। इस निर्णय से कॉमेडियन, कलाकार और राजनेता भी थोड़ा साँस ले पाएँगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मुनावेर फरूकी को क्यों निशाना बनाया गया?

गैंग के प्रमुख मानते थे कि फरूकी के चुटकुले हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाते हैं। इस कारण उन्होंने उसे ‘हिंदू‑धर्म‑अपमान’ के आरोप में निशाना बनाया।

राहुल पर कौन‑से पूर्व केस लादे गये हैं?

राहुल को दिसंबर 2024 में यमनु नगर, हरियाणा में हुए त्रि‑हत्याकांड की साजिश में मुख्य आरोपी माना गया था। पुलिस ने इस केस में उसे ‘सजायुक्त हत्या’ का भी आरोप लगाया है।

दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई में क्या विशेषता थी?

विशेष सेल की खुफिया इकाई ने 48 घंटे की निरंतर निगरानी के बाद शूटरों को ‘अंतिम निष्पादन चरण’ में पकड़ लिया। यह तेज़ और सटीक प्रतिक्रिया, देश‑व्यापी अपराध नेटवर्क को रोकने में एक मील‑पत्थर है।

गैंग के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन क्या हैं?

रहस्योद्घाटन से पता चला कि गैंग के हथियार और फंडिंग कई देशों से आती है। रोहित गोडारा और गोल्डी ब्रार खुद ही विदेश में बसे हुए हैं, और उनका नेटवर्क यूरोप व एशिया के कुछ हिस्सों में भी सक्रिय है।

भविष्य में इस तरह के खतरों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

दिल्ली पुलिस ने ‘इंटेलिजेंस‑शेयरिंग प्लैटफ़ॉर्म’ को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की घोषणा की है। साथ ही बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा कवरेज को बढ़ाया जाएगा, जिससे संभावित हत्याकांडों को पहले ही रोकना संभव होगा।

टिप्पणि

  • Nilanjan Banerjee
    Nilanjan Banerjee

    दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था ने इस बार एक उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है। रोहित गोडारा‑गोल्डी ब्रार के अनुयायियों को इतनी शीघ्रता से पहुंचाना अत्यंत प्रशंसनीय है। विशेष सेल की जासूसी टीम ने दो शूटरों की हरकतों को अति सूक्ष्मता से ट्रैक किया। इस तरह के संचालन में उच्चस्तरीय समन्वय का प्रमाण मिलता है। पुलिस ने न केवल हथियारों को बरामद किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के संकेत भी उजागर किए। यह संकेत देता है कि अपराधीय नेटवर्क अब राष्ट्रीय सीमाओं के पार कार्य कर रहे हैं। ऐसी सफलता भविष्य में संभावित खतरों को रोकने में महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। अंत में, यह केस हमें याद दिलाता है कि सावधानी और तेज़ प्रतिक्रिया मिलकर ही सफलता हासिल करती है।

  • sri surahno
    sri surahno

    भाइयों, इस घटना के पीछे गहरा षड्यंत्र चुपचाप चल रहा है। रोहित गोडारा‑गोल्डी ब्रार की लिंक्स सिर्फ एक मुखौटा हैं, असल में वे विदेशी एजेंसियों के नियंत्रित एजेंट हैं। उन्होंने इस हत्याकांड को राष्ट्रीय अस्थिरता के लिए एक मंच बना दिया। पुलिस की ‘जाल बिछाने’ की रणनीति भी संभवतः अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की दिशा में है। इस तरह के खूनखराबे को रोकने के लिए जनता को जागरूक रहना चाहिए। नहीं तो, अगले लक्ष्य के रूप में हमारे कलाकार या राजनेता हो सकते हैं।

  • Varun Kumar
    Varun Kumar

    देश की सीमाओं पर इस तरह के विदेशी कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

  • Madhu Murthi
    Madhu Murthi

    ✅ सही बात कह रहे हो, भाई। ऐसे अपराधियों को तुरंत निपटा देना चाहिए, नहीं तो माहौल बिगड़ जाएगा 😡।

  • Amrinder Kahlon
    Amrinder Kahlon

    वाह, दिल्ली पुलिस ने फिर एक बार ‘सुपरहीरो’ बनकर दिखाया। आशा है अगली बार भी वही कमाल करेंगे।

  • Abhay patil
    Abhay patil

    हँसी मत उड़ाओ, भाई। सुरक्षा तेज़ी से बढ़ेगी अगर हम सब मिलकर सहयोग दें। चलो, सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हैं।

  • Nathan Ryu
    Nathan Ryu

    समाज के नैतिक धागे बिखर रहे हैं जब किसी को उनकी अभिव्यक्ति से ही निशाना बनाया जाता है। स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को सम्मानित करना हमारा कर्तव्य है। कॉमेडियन को डराने की कोशिश केवल दमन की दिशा में एक कदम है। ऐसे मामलों में न्यायपालिका को शीघ्रता से हल निकालना चाहिए। सभी को मिलकर इस हिंसा के प्रति नापसंदगी जतानी चाहिए।

  • Atul Zalavadiya
    Atul Zalavadiya

    सभी सम्मानित पाठकों, इस मामलों की जटिलता को समझना अत्यंत आवश्यक है। प्रथम, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क की प्रवृत्ति को समझना चाहिए, क्योंकि यह केवल राष्ट्रीय स्तर पर सीमित नहीं है। द्वितीय, रोहित गोडारा‑गोल्डी ब्रार की इस प्रकार की योजना संकेत देती है कि वे सामाजिक संरचना को भय के माध्यम से मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। तृतीय, मुनावेर फरूकी की कॉमेडी शैली ने धार्मिक संवेदनाओं को चुनौती दी, परन्तु यह बौद्धिक अभिव्यक्ति का एक वैध स्वरूप है। चतुर्थ, इस प्रकार के ख़तरों को रोकने हेतु पुलिस को जासूसी संचार के बुनियादी तंत्र को सुदृढ़ करना चाहिए। पंचम, विशेष सेल द्वारा किए गए संचालन में तकनीकी उपकरणों का कुशल प्रयोग स्पष्ट है। षष्टम, अपराधियों के प्रयोग में लाए गए हथियारों के अंतरराष्ट्रीय निशान यह दर्शाते हैं कि धन और तकनीकी समर्थन विदेशी स्रोतों से आ रहा है। सप्तम, इस प्रकार की साजिश में सामाजिक मीडिया का दुरुपयोग भी प्रमुख है, जहाँ हेटस्पीच को वैधता मिलती दिखती है। अष्टम, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने के लिए ऐसे सिलसिलेवार षड्यंत्र को उजागर करना चाहिए। नवम्, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए केंद्र-राज्य सहयोग अनिवार्य है, और इसे सुदृढ़ करने के लिए नीतियों का पुनः मूल्यांकन आवश्यक है। दशम्, कानूनी प्रक्रिया में तेज़ी से कार्यवाही होना चाहिए, ताकि प्रतिवादी को शीघ्र न्याय मिल सके। एकादश, आस्थापित न्यायालय के फैसले को सामाजिक आघात के रूप में नहीं बल्कि निवारक उपाय के रूप में देखना चाहिए। द्वादश, यह मामला एक चेतावनी है कि कला और व्यंग्य पर हमला करके सामाजिक विमर्श को दबाने का प्रयास निष्फल रहेगा। त्रयोदश, भविष्य में इसी तरह की साजिशों को रोकने हेतु नागरिक जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना होगा। चतुर्दश, अंततः, राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संतुलन बनाए रखना हमारा सामूहिक दायित्व है। पुनरावृत्ति में, यह केस हमें यह सिखाता है कि सतर्कता, त्वरित प्रतिक्रिया और मानवीय मूल्यों का सम्मान ही राष्ट्र को सुरक्षित रखेगा।

  • Amol Rane
    Amol Rane

    अंतर्मन के आवाज़ को सुनना तभी संभव है जब हम सामाजिक अत्याचार को पहचानें। इस हत्या की साजिश देख कर सच्चाई की खोज हमें अपने भीतर झांकना सिखाती है। सर्वत्र शांति ही एकमात्र समाधान है।

  • Venkatesh nayak
    Venkatesh nayak

    👍 बिल्कुल सही कहा, दोस्त। हमें मिलकर इन षड्यंत्रों को रोकना होगा।

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