इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट के कारण
हाल ही में इंडसइंड बैंक के शेयरों में 19.39% की गिरावट आई, जिसका प्रमुख कारण थे उनके कमजोर Q2 वित्तीय परिणाम। बैंक के मुनाफे में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके चलते निवेशकों में निराशा उत्पन्न हुई और इसका असर उनके शेयर भाव पर पड़ा। वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बैंक की प्रावधान और आकस्मिकताओं में 87% की वृद्धि हुई, जो ₹1,820 करोड़ तक पहुंच गई। यह वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से तुलना में देखी गई है, जब यह आंकड़ा ₹974 करोड़ था। बैंक ने अपनी संभावित जोखिमों को देखते हुए अपनी प्रावधान राशि में ₹525 करोड़ की अतिरिक्त वृद्धि की।
लोन संबंधित प्रावधान भी 30 सितंबर 2024 को ₹8,412 करोड़ पर पहुंच गए, जो कि बैंक की लोन बुक का करीब 2.4% है। इस समयावधि में बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) ₹5,347 करोड़ दर्ज किया गया, जो कि साल दर साल 5% की वृद्धि है। हालांकि, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में कमी आई थी, जो Q2 FY 2024 में 4.29% से घटकर 4.08% रह गया। इसके पहले वित्तीय तिमाही FY 2025 में यह 4.25% पर था।
बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में गिरावट
बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में भी गिरावट देखने को मिली है। सितंबर तिमाही के अंत में बैंक के ग्रॉस NPA 2.11% पर पहुंच गए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.93% थे। नेट NPA भी बढ़ कर 0.64% हो गए, जबकि वर्ष पूर्व यह 0.57% थे। इसके साथ ही बैंक की पूंजी की पर्याप्तता अनुपात में भी गिरावट आई, जो कि सितंबर 2023 के अंत में 18.21% था और अब घटकर 16.51% हो गया है।
बैंक के अधिकारियों ने इस मामले में कहा है कि वे बढ़ते प्रतियोगी वित्तीय माहौल के बीच अपने जोखिम प्रबंधन तंत्र को मजबूती के साथ लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। इसका उद्देश्य बैंक की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है। इसके साथ ही बैंक ने अपने कर्ज की वसूली और रिस्क मैनेजमेंट में सुधार के लिए नई योजनाएं भी तैयार की हैं, जिनका आगामी वित्त वर्षों में प्रभाव देखा जा सकेगा।
इस वित्तीय अस्थिरता के बीच, बैंक को अपने निवेशकों और ग्राहकों को विश्वास में लेने की आवश्यकता होगी ताकि उनके पास सही और सही जानकारी समय पर पहुँच सके। बैंकिंग क्षेत्र में अनिश्चय का दौर जारी है, और यह बैंक के लिए महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने तिमाही नतीजों के बाद अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता प्रदान करें।
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