India-Pakistan Ceasefire: सीमा पर तनाव, DGMOs की बातचीत और फौरन उल्लंघन

/ द्वारा रिमा भारती / 0 टिप्पणी(s)
India-Pakistan Ceasefire: सीमा पर तनाव, DGMOs की बातचीत और फौरन उल्लंघन

सीजफायर पर सहमति, लेकिन आंखों के सामने फिर गोलियां

10 मई 2025 की सुबह नई उम्मीद लेकर आई थी। भारतीय और पाकिस्तानी सैन्य कमांडरों – यानी DGMOs – ने हॉटलाइन पर बात करके ऐलान किया कि अब दोनों मुल्क लाइन ऑफ कंट्रोल तथा इंटरनेशनल बॉर्डर पर सैन्य कार्रवाई रोक देंगे। सीजफायर का मकसद था कि रोज की गोलाबारी में आम लोगों की जान बच सके और सीमा पर हालात सामान्य हो जाएं।

लेकिन इस समझौते की स्याही सूख भी नहीं पाई थी, कि कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तान ने न सिर्फ फायरिंग की, बल्कि ड्रोन के जरिए घुसपैठ की भी कोशिश की। भारतीय सेना ने अपने जवानों को अलर्ट कर दिया और सख्त चेतावनी दी—अगर आगे भी कोई हरकत हुई तो जवाब ज्यादा कड़ा होगा।

सीजफायर से पहले ऑपरेशन सिंदूर और सीमा के नए हालात

सीजफायर से पहले ऑपरेशन सिंदूर और सीमा के नए हालात

इस बार भारत की रणनीति ज्यादा आक्रामक रही। सीजफायर से कुछ दिन पहले ही भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत कर दी थी। मकसद साफ था—आतंकी कैम्पों पर सीधा हमला। भारतीय इंटेलिजेंस के मुताबिक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पंजाब में आतंकियों के कुल नौ बड़े ठिकाने चिन्हित किए गए, जिनमें प्रमुख था मुरीदके। यह वही जगह है जो लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ मानी जाती है। पिछले महीने के पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले नेटवर्क से भी इसी इलाके का लिंक बताया गया।

ऑपरेशन सिंदूर की सबसे अहम बात थी कि हर कार्रवाई में आम नागरिकों का ध्यान रखा गया। सेना के आला अफसरों ने यकीन दिलाया कि फोकस पूरी तरह आतंकियों पर है, न कि आम लोगों पर। इन ऑपरेशन्स में प्रिसिजन टारगेटिंग पर जोर रहा, ताकि पाकिस्तान अपने किसी झूठे प्रचार का मौका न पा सके।

सीजफायर के बीच एक अंतरराष्ट्रीय सिरा भी जुड़ा दिखा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके मध्यस्थता से यह फुल और इमीडिएट सीजफायर संभव हुआ। लेकिन पाकिस्तान के यहाँ रुकने का नाम नहीं लिया। जिस तेजी से पाकिस्तान ने समझौते के बावजूद फायरिंग और ड्रोन इनफिल्ट्रेशन दोबारा शुरू कर दी, उससे साफ हो गया कि भरोसे का संकट बरकरार है।

  • सीजफायर की शर्तों में तय किया गया था कि दोनों सेना के कमांडर किसी भी ऐसी घटना की तुरंत जानकारी देंगे और वर्किंग लेवल पर समस्याएं सुलझाएंगे।
  • फिर भी, भारतीय सेना को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की ओर से खुली छूट मिली हुई है कि अगर पाकिस्तान की ओर से कोई भी उल्लंघन होता है तो पूरे अधिकार के साथ जवाब दिया जाए।
  • इधर बॉर्डर के गांववालों में डर बना हुआ है, लोग अब भी आशंका में हैं कि शांति कब तक टिकेगी।

सीमा पर लगातार तेज होते हालात में सवाल यह है—क्या बातचीत से वाकई शांति आ सकती है, या हथियारों का जवाब हथियारों से ही मिलेगा? फिलहाल तो भारतीय सेना India Pakistan ceasefire के हर उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

एक टिप्पणी लिखें

*

*

*