केन्द्र सरकार के सीबीडिटी (CBDT) ने आयकर रिटर्न (ITR) की अंतिम तिथि को फिर से बढ़ा दिया है। मूल रूप से 31 जुलाई 2025 को डेडलाइन तय थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसे 15 सितंबर तक पहले ही लम्बा किया गया था। अब यह तिथि एक और दिन बढ़ाकर ITR डेडलाइन 16 सितंबर 2025 कर दी गई है।
कौन‑कौन को मिलेगा इस विस्तार का फायदा?
वित्त मंत्रालय ने यह विस्तार विशेष रूप से उन करदाताओं के लिए किया है जिनकी आय इस प्रकार है कि उन्हें ऑडिट की जरूरत नहीं पड़ती। इनमें शामिल हैं:
- व्यक्तिगत करदाता (आधार पर ITR‑1 से ITR‑4)
- हिंदू अंडिवाइडेड फैमिली (HUF)
- एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOP)
- बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (BOI)
इन वर्गों के लिए अब 16 सितंबर तक बिना किसी दण्ड के रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। वहीं, जिनके पास ऑडिटेड खाते हैं, उनके लिए मूल डेडलाइन 31 अक्टूबर 2025 बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय लेन‑देनों या विशिष्ट घरेलू लेन‑देनों के लिए ट्रांसफ़र प्राइसिंग रिपोर्ट की आवश्यकता वाले व्यावसायिक इकाइयों को 30 नवंबर तक का समय मिलेगा।

देर से दाखिल होने पर क्या दण्ड है?
अगर करदाता 16 सितंबर के बाद भी रिटर्न नहीं डालते, तो वे बिलेटेड रिटर्न के तहत 31 दिसंबर 2025 तक फाइल कर सकते हैं। परन्तु इस देरी पर दो प्रकार के आर्थिक दण्ड लगते हैं:
- धारा 234F के तहत देर से दाखिल करने पर यदि आय 5 लाख रुपये तक है तो ₹1,000 और उससे अधिक आय पर ₹5,000 का जुर्माना लगेगा।
- धारा 234A के तहत बकाया टैक्स पर 1 % प्रतिमाह (या भाग महीने) का ब्याज लागू होगा।
इन दण्डों का मकसद करदाताओं को समय पर फाइलिंग के लिए प्रेरित करना है।
आयकर विभाग ने बताया है कि अब तक 7 करोड़ से अधिक रिटर्न फाइल हो चुके हैं, जो कुल संभावित करदाता आधार का बड़ा हिस्सा दर्शाता है। फिर भी तकनीकी गड़बड़ियों ने कई लोगों को असुविधा में डाल दिया, इसलिए यह अतिरिक्त एक‑दिन का विस्तार आवश्यक माना गया।
डिपार्टमेंट ने यह भी चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर कुछ झूठी खबरें सामने आई हैं, जिसमें आगे की डेडलाइन का उल्लेख किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि गैर‑ऑडिट मामलों के लिए अब ही अंतिम तिथि 16 सितंबर है, और इस बाद कोई और विस्तार नहीं होगा।
करदाताओं को सलाह दी जा रही है कि वे अपने ITR को अंतिम मिनट की तकनीकी समस्याओं से बचने के लिये जल्द से जल्द प्रस्तुत कर दें। पोर्टल 16 सितंबर को मध्यरात्रि से 02:30 एएम तक तकनीकी रख‑रखाव में रहेगा, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया सुगम बनेगी।
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