केन्या वित्त विधेयक: प्रस्तावित कर वृद्धि के विरोध में 23 की मौत, संसद भवन आग के हवाले

/ द्वारा रिमा भारती / 0 टिप्पणी(s)
केन्या वित्त विधेयक: प्रस्तावित कर वृद्धि के विरोध में 23 की मौत, संसद भवन आग के हवाले

केन्या में वित्त विधेयक 2024 के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

केन्या में प्रस्तावित वित्त विधेयक 2024 के खिलाफ बढ़ते असंतोष और आक्रोश ने गंभीर रूप ले लिया है, जिसके परिणामस्वरूप हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 23 लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही कई अन्य लोग घायल हो गए। यह सभी प्रदर्शन इस बिल के खिलाफ थे, जो ब्रेड, वनस्पति तेल और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर कर वृद्धि की पेशकश करता है। यह विधेयक अब राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है।

इस विधेयक में मोटर वाहन परिचालन कर और स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं पर इको लेवी का समावेश है। इन करों के विरोध के चलते लोगों में भारी आक्रोश है और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। खासकर युवाओं का एक बड़ा समूह, जिनकी उम्र 18 से 28 वर्ष के बीच है, इस प्रदर्शन को नेतृत्व कर रहा है। वे राष्ट्रपति विलियम रुटो के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।

राष्ट्रपति रुटो का बचाव और बाद में बदलाव

राष्ट्रपति रुटो का बचाव और बाद में बदलाव

राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए तर्क दिया कि यह विकास कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने और सार्वजनिक ऋण को कम करने के लिए आवश्यक है। हालांकि, बढ़ते विरोध और दबाव के चलते उन्होंने कुछ नए करों को हटाने की सिफारिशों को समर्थन दिया, जिसमें कार स्वामित्व पर कर, ब्रेड पर कर और स्थानीय निर्मित प्लास्टिक पर इको लेवी शामिल हैं।

इसके बावजूद, विपक्ष और प्रदर्शनकारी पूर्ण रूप से इस विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे किसी भी तरह के कर वृद्धि को स्वीकार नहीं करेंगे।

संसद और विधेयक की स्वीकृति

संसद और विधेयक की स्वीकृति

संसद ने इस विधेयक को कई प्रस्तावित संशोधनों के साथ स्वीकृति दे दी है। अब यह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आगे बढ़ाया गया है। यदि राष्ट्रपति को किसी भी प्रकार की आपत्ति होती है, तो वे इसे पुनः संसद को भेज सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का दृष्टिकोण

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का दृष्टिकोण

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने केन्या सरकार को खर्च में कटौती या उधारी बढ़ाने की सलाह दी है ताकि संभावित वि्रद्धि को संतुलित किया जा सके। IMF का मानना है कि इससे सरकार को वित्तीय संकट से उबरने में सहायता मिलेगी।

केन्या की यह स्थिति आर्थिक परेशानियों और राजनीतिक अस्थिरता की ओर इशारा करती है, जो कि इस प्रकार के वित्तीय निर्णयों के प्रभावों को दर्शाती है। आगामी समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और जनता के बीच का यह संघर्ष कैसे समाप्त होता है और क्या समाधान निकलता है।

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