महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं सुजाता सौनिक, इतिहास रचते हुए

/ द्वारा रिमा भारती / 0 टिप्पणी(s)
महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं सुजाता सौनिक, इतिहास रचते हुए

सुजाता सौनिक की नियुक्ति: एक ऐतिहासिक कदम

महाराष्ट्र की प्रशासनिक प्रणाली में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 1987 बैच की IAS अधिकारी सुजाता सौनिक को राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण पद पर सुजाता सौनिक की नियुक्ति ने पूरे राज्य की नौकरशाही को एक नया आयाम दिया है।

सुजाता सौनिक ने डॉ. नितिन करीर की जगह ली है, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे। सुजाता सौनिक इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग और गृह मामलों का अतिरिक्त मुख्य सचिव का पदभार संभाल रही थीं। उनके पास सार्वजनिक नीति और प्रशासन का तीन दशक से अधिक का अनुभव है, जिससे उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, वित्त, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और शांति स्थापना जैसे विषयों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम

सुजाता सौनिक की नियुक्ति केवल एक पदोन्नति का मामला नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इतिहास में पहली बार, महाराष्ट्र की दो शीर्ष नौकरशाही पोजीशन को महिलाएं संभाल रही हैं। मुख्य सचिव के रूप में सुजाता सौनिक और पुलिस महानिदेशक के रूप में रश्मि शुक्ला।

राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है और इस दृष्टिकोण को हाल ही में राज्य के बजट में भी उजागर किया गया है। सौनिक की नियुक्ति इस मिशन को और मजबूत बनाती है।

सुजाता सौनिक का विस्तृत अनुभव

सुजाता सौनिक का विस्तृत अनुभव

सुजाता सौनिक का करियर विभिन्न विभागों में विस्तृत है। वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की तकामी फेलो रह चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में सलाहकार और संयुक्त सचिव, केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड की कार्यकारी निदेशक, और संयुक्त राष्ट्र के कोसोवो मिशन में प्रशासनिक अधिकारी और नागरिक मामलों की अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

सौनिक की यह नियुक्ति इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि उनके पति, मनोज सौनिक, वर्तमान में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार हैं। डॉ. नितिन करीर ने मनोज सौनिक से ही मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण किया था, और अब सुजाता सौनिक ने वही पदभार डॉ. करीर से ग्रहण किया है।

महिला नेतृत्व का उदय

महाराष्ट्र में महिला नेतृत्व को एक नई उर्जा मिली है। इससे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई राह खुलती है। सुजाता सौनिक की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं। प्रशासनिक पदों पर उन्हें मौका मिलना समाज के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

आशा की जा रही है कि सुजाता सौनिक की नई भूमिका में वे अपने अनुभव और ज्ञान का भरपूर उपयोग कर राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और गतिशील बनाएंगी। उनकी नियुक्ति से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने करियर में उच्चतम स्थान प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित होंगी।

आगे की दिशा

आगे की दिशा

महाराष्ट्र की सरकार ने इस नियुक्ति के माध्यम से स्पष्ट संकेत दिया है कि वे महिला सशक्तिकरण के प्रति गंभीर हैं। सुजाता सौनिक की नियुक्ति से राज्य की नौकरशाही में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और यह अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुजाता सौनिक अपने नए पद पर किस प्रकार के निर्णय और नीति निर्माण करती हैं। उनकी नियुक्ति से राज्य की महिलाओं में एक नई उम्मीद जगी है, और वे अपनी उभरती भूमिका में राज्य की प्रगति में अहम योगदान देंगी।

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