उदयपुर में जगन्नाथ रथ यात्रा सहित प्रमुख त्योहारों पर स्थानीय अवकाश घोषित

/ द्वारा रिमा भारती / 0 टिप्पणी(s)
उदयपुर में जगन्नाथ रथ यात्रा सहित प्रमुख त्योहारों पर स्थानीय अवकाश घोषित

उदयपुर में 2025 के स्थानीय अवकाश: धार्मिक उत्सवों को लेकर नया आदेश

उदयपुर जिला प्रशासन ने साल 2025 के लिए कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिनका असर हर सरकारी कर्मचारी और स्थानीय नागरिक पर सीधे-सीधे पड़ेगा। कलेक्टर नमित मेहता की ओर से 26 दिसंबर, 2024 को जारी आदेश संख्या 1342 के तहत तीन प्रमुख लोकल छुट्टियां घोषित हुई हैं। ये छुट्टियां न सिर्फ सरकारी दफ्तरों में कामकाज को प्रभावित करेंगी, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी को लेकर भी नए रंग भरेंगी।

हर साल शहर में जगन्नाथ रथ यात्रा का माहौल देखते ही बनता है। 2025 में यह त्योहार 27 जून, शुक्रवार को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि जगन्नाथ रथ यात्रा पर सभी सरकारी कार्यालयों को दोपहर 1:30 बजे के बाद आधे दिन के लिए बंद रखने का फरमान जारी हुआ है। रथ यात्रा केवल मंदिर तक सीमित ना होकर पूरे शहर जैसे अंबामाता, सूरजपोल, हाथीपोल जैसे इलाकों से गुजरती है और लोग पारंपरिक वेशभूषा में इसके स्वागत के लिए जुटते हैं। छुट्टी मिलने से कर्मचारी भी भावनाओं के साथ सफर में साथ चल सकते हैं।

इसके अलावा, 24 जुलाई, गुरुवार को हरियाली अमावस्या के मौके पर भी आधे दिन का अवकाश घोषित किया गया है। तीज-त्योहारों के मौसम में हरियाली अमावस्या खास मायने रखती है। इस दिन शहर के प्रमुख पार्क—गुलाबबाग व फतेहसागर—लोगों की भीड़ से गुलजार रहते हैं। महिलाएं प्रकृति की पूजा करती हैं और युवक झूला झूलते हैं। छुट्टी का समय फिर वही दोपहर 1:30 बजे से शुरू होगा, जिससे लोग घर-परिवार के साथ पर्व का आनंद लें।

तीसरा अवकाश 3 सितंबर, बुधवार को रखा गया है, जो पूर्ण दिवस रहेगा। हालांकि अवकाश के पीछे कौन सा स्थानीय आयोजन या रिवाज है, इसका स्पष्ट खुलासा तो आदेश में नहीं हुआ है, लेकिन आमतौर पर सितंबर में अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन या स्थानीय धार्मिक मेले जैसे बड़े आयोजन होते हैं, जिनमें हर वर्ग की भागीदारी रहती है। सरकार उन आयोजनों को ध्यान में रखते हुए, इलाके के जनमानस को खुद के रीति-रिवाजों से जुड़ने का अवसर देना चाहती है।

अवकाश का प्रभाव और संशोधित कैलेंडर

जिला प्रशासन का यह बदलाव 2025 के सरकारी अवकाश कैलेंडर में दर्ज किया जाएगा। इन तिथियों पर न सिर्फ दफ्तर बंद रहेंगे, बल्कि नगर निगम जैसी स्थानीय संस्थाएं व राहत कार्यों की भी पहले से ही योजना बनाई जाएगी, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। कर्मचारियों के लिए यह मौका है जब वे जरूरी धार्मिक आयोजनों में पूरी सहभागिता दिखा सकते हैं और सामाजिकता भी निभा सकते हैं।

इस तरह, 2025 में अगस्त-सितंबर के त्योहारों के आसपास शहर की रौनक और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। यह ऐलान न सिर्फ कर्मचारियों में उत्साह लाएगा, बल्कि पूरे उदयपुर की सांस्कृतिक विविधता को भी पेश करेगा। आदेश से सरकारी स्कूलों, दफ्तरों और कई सहकारी संस्थाओं, बैंकों में भी कामकाज प्रभावित होगा। हर किसी को पहले से योजना बनाने का मौका मिल गया है ताकि त्योहार के दिन तनाव या वक्त की कमी जैसी कोई परेशानी न रहे।

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