दिसंबर 2025 के लिए उत्तर प्रदेश में ठंडी लहर के संभावित प्रभाव की चेतावनी आईएमडी ने जारी कर दी है। देश के उत्तरी हिस्सों में नवंबर के अंत तक रात के तापमान 10°C से नीचे गिर चुके हैं, और अब यह ठंड उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिसंबर के अंत तक बस्ती में न्यूनतम तापमान 9.2°C तक गिर सकता है, जबकि दिन का अधिकतम 27.4°C तक रह सकता है। यह बदलाव सिर्फ एक मौसमी ट्रेंड नहीं — यह लाखों लोगों के दैनिक जीवन, खेती और स्वास्थ्य पर गहरा असर डालने वाला है।
कैसे बदल रहा है मौसम? आईएमडी की लगातार चेतावनियाँ
नवंबर के पहले हफ्ते से ही आईएमडी ने राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड में रात के तापमान 10°C से नीचे जाने की बात कही। फिर नवंबर 10 को वेस्ट मध्य प्रदेश में ठंडी लहर की चेतावनी आई — और यही तापमान अब उत्तर प्रदेश की सीमाओं तक पहुँच रहा है। ये सिर्फ एक बार की बात नहीं है। आईएमडी ने 20 नवंबर को विस्तारित अवधि का मौसम अनुमान जारी किया, जिसमें 20 नवंबर से 3 दिसंबर तक के लिए पूरे देश का मौसम भविष्यवाणी की गई है। यह एक नया दृष्टिकोण है — अब वे सिर्फ अगले 3-5 दिनों की नहीं, बल्कि अगले 15 दिनों की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के लिए दिसंबर क्या लेकर आ रहा है?
अनुमानों के मुताबिक, दिसंबर के पहले दिनों में लखनऊ और अन्य शहरों में दिन का तापमान 26-27°C रहेगा — जो अभी भी काफी आरामदायक है। लेकिन जैसे-जैसे महीना आगे बढ़ेगा, रात के तापमान धीरे-धीरे गिरने लगेंगे। बस्ती में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 9.2°C तक पहुँच सकता है। यह वही तापमान है जिस पर बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। एक अनुमान के अनुसार, दिसंबर के दौरान केवल 3 दिन बारिश के होने की संभावना है, और कुल वर्षा केवल 4 मिलीमीटर — यानी बारिश नहीं, बल्कि बर्फ के लिए तैयारी करने की जरूरत है।
क्या लखनऊ और बस्ती के आँकड़े पूरे उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं?
हाँ — और नहीं। लखनऊ के तापमान (दिसंबर 28-31: 22.2-22.8°C दिन, 9.4-12.2°C रात) शहरी क्षेत्रों के लिए अच्छा संकेत हैं। लेकिन बस्ती, जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में है, और जहाँ नदियों और खेतों का असर ज्यादा है, वहाँ ठंड ज्यादा तेज होती है। यही कारण है कि आईएमडी के लिए ये दो स्थान अलग-अलग बिंदु हैं — एक शहरी और एक ग्रामीण असर का। अगर आप आगरा या कानपुर में रहते हैं, तो आपके लिए ये आँकड़े अनुमानित हैं, लेकिन उतने ही सटीक जितने लखनऊ और बस्ती के लिए हैं।
क्यों इतनी जोरदार ठंड? इतिहास और विज्ञान
दिसंबर हमेशा से ही उत्तर प्रदेश का सबसे ठंडा महीना रहा है। लेकिन इस बार कुछ अलग है। दिवाली के बाद तापमान अचानक गिरने लगा — यह एक ऐसा ट्रेंड है जिसे पिछले 10 सालों में आईएमडी ने बार-बार देखा है। इसका कारण उत्तरी हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएँ हैं, जो अब अधिक तीव्र हो रही हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 23 क्षेत्रीय केंद्रों में से एक, नई दिल्ली का उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, उत्तर प्रदेश के लिए जिम्मेदार है। इसके पास 132 सतही अवलोकन केंद्र और 63 रडार स्टेशन हैं — यह सब एक साथ जुड़कर एक अत्यधिक सटीक अनुमान बनाते हैं।
किसे कितना असर होगा?
इस ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे बुजुर्ग, बच्चे और गरीब परिवार। बिना गर्मी के घरों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक जीवन-मरण का मुद्दा बन सकता है। कृषि क्षेत्र में भी दिक्कतें आ सकती हैं — जैसे गेहूँ की फसल को अचानक ठंड लगने से नुकसान हो सकता है। दिसंबर के अंत में जब तापमान 10°C के आसपास होगा, तो लोग अपने घरों में गर्मी के लिए कोयला, लकड़ी या बिजली के हीटर का इस्तेमाल करेंगे — जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ सकता है। यही कारण है कि आईएमडी का यह अनुमान सिर्फ एक तापमान नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है।
अगला कदम क्या है?
आईएमडी ने अगले 10 दिनों के लिए और अपडेट जारी करने का वादा किया है। अगर तापमान 5°C तक गिर जाए, तो राज्य सरकार को आपातकालीन योजनाएँ शुरू करनी होंगी — जैसे ठंड से बचने के लिए अस्पतालों में गर्म बिस्तर या गरीबों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था। अब तक कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं जारी हुई है, लेकिन यह सिर्फ एक सवाल है — नहीं, एक समय का सवाल।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या दिसंबर 2025 में उत्तर प्रदेश में बर्फ पड़ेगी?
नहीं, दिसंबर 2025 में उत्तर प्रदेश में बर्फ पड़ने की कोई संभावना नहीं है। सभी मौसम अनुमानों के अनुसार, तापमान शून्य से ऊपर ही रहेगा — न्यूनतम 9.2°C तक। बर्फ के लिए तापमान 0°C से नीचे जाना जरूरी है, जो यहाँ अभी तक नहीं हुआ है। बारिश भी बहुत कम होगी — केवल 4 मिलीमीटर, जो तीन दिनों में बरसेगी।
क्या आईएमडी के अनुमान सही होते हैं?
हाँ, आईएमडी के विस्तारित अवधि के अनुमान 70-80% सटीक होते हैं। पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश के दिसंबर के तापमान के लिए उनका औसत त्रुटि केवल 1.2°C रही है। यह दुनिया के सबसे सटीक मौसम अनुमानों में से एक है। लेकिन यह अनुमान नहीं बताता कि ठंड कितनी लंबी चलेगी — इसके लिए अगले 5 दिनों के अपडेट का इंतजार करना होगा।
क्या ठंड से बचने के लिए कोई सरकारी योजना है?
अभी तक कोई आधिकारिक योजना जारी नहीं हुई है, लेकिन पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने बुजुर्गों और गरीब परिवारों के लिए गर्म भोजन और गर्म कंबल बाँटे थे। अगर तापमान 7°C तक गिर जाए, तो यह योजना फिर से शुरू हो सकती है। अस्पतालों में ठंड से जुड़े रोगों के लिए अतिरिक्त बिस्तर भी तैयार किए जाते हैं।
क्या इस ठंड से खेती पर असर होगा?
हाँ, खासकर गेहूँ और सरसों की फसलों पर। अगर दिसंबर के अंत में तापमान 7-8°C से नीचे जाए, तो फसलों को जमने का खतरा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ठंड लगातार 3-4 दिन तक रहे, तो फसल का नुकसान 15-20% तक हो सकता है। इसलिए किसानों को अपनी फसलों को कागज या झाड़ियों से ढकने की सलाह दी जा रही है।
क्या दिसंबर के अंत में बारिश होगी?
नहीं, दिसंबर के अंत में बारिश की कोई संभावना नहीं है। अनुमान के अनुसार, पूरे महीने में केवल तीन दिन बारिश हो सकती है, और वो भी बहुत हल्की। कुल वर्षा केवल 4 मिलीमीटर है — यह एक दिन की बारिश के बराबर है। इसलिए जल संकट का खतरा नहीं, बल्कि नमी की कमी का खतरा है।
क्या लखनऊ और बस्ती के तापमान दूसरे शहरों के लिए लागू होते हैं?
लखनऊ के तापमान शहरी क्षेत्रों के लिए अच्छा संकेत हैं, लेकिन बस्ती का तापमान ग्रामीण और नदी तटीय क्षेत्रों के लिए अधिक प्रासंगिक है। आगरा या कानपुर में तापमान लगभग इतना ही होगा, लेकिन रात के तापमान थोड़ा अधिक या कम हो सकता है। जिन जगहों पर नदियाँ या खेत हैं, वहाँ ठंड ज्यादा महसूस होती है।
एक टिप्पणी लिखें