श्रीधर वेम्बु ने किया 'वास्तविक' पूंजीवाद का समर्थन
Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने हाल ही में Freshworks के कर्मचारियों की छंटनी के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक नई बहस छेड़ दी है। वेम्बु ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में 'वास्तविक' पूंजीवाद का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही पूंजीवाद का अर्थ कंपनी के कर्मचारियों की देखभाल करना है, न कि केवल शेयरधारकों के लाभ के लिए काम करना। उन्होंने Nvidia, AMD, और Taiwan की TSMC का उदाहरण दिया, जो अपने कर्मचारियों को प्राथमिकता देती हैं और फिर भी वैश्विक स्तर पर सफल हैं। यह दिखाता है कि कर्मचारियों की देखभाल करने वाले संगठन दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
Freshworks की छंटनी और पूंजीवादी मॉडल की आलोचना
वेम्बु ने Freshworks के छंटनी के फैसले की तीव्र आलोचना की, जिसमें कंपनी ने अपनी संरचना में सुधार के लिए 13% कर्मचारियों, यानी लगभग 660 लोगों को निकालने का निर्णय लिया। वेम्बु का मानना है कि इस तरह के फैसले एक विकृत पूंजीवादी मॉडल का हिस्सा बन गए हैं, जहां कंपनियां बुनियादी पूंजीवाद के सिद्धांतों का पालन करने के बजाय शेयर बाजार की संतुष्टि के लिए फैसले लेती हैं। वेम्बु ने Intel का उदाहरण दिया, जिसने कर्मचारियों से पहले वॉल स्ट्रीट के लाभ को प्रधानता दी, और इसी कारण से TSMC, AMD, और Nvidia जैसी कंपनियों से पिछड़ गई।
'धनबल' पर आधारित निर्णयों की आलोचना
वेम्बु ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी कहा कि 'धनबल' पर आधारित निर्णय लेना और अन्य लोगों के पैसों पर दांव लगाना पूंजीवाद का गलत उपयोग होता है। उन्होंने बैंकों और कंपनियों द्वारा लिए जाने वाले बेलआउट को भी पूंजीवाद की विकृति कहा। वेम्बु ने Silicon Valley Bank के बेलआउट का उदाहरण देते हुए भारत को चेतावनी दी कि वह अमेरिका के पूंजीवादी मॉडल का अंधानुकरण न करे।
India के लिए वेम्बु की सलाह
वेम्बु ने भारत को सलाह दी कि वह अमेरिकी मॉडल का अनुसरण करने के बजाय अपने स्वयं के पूंजीवादी मॉडल को विकसित करे, जो कर्मचारियों का ध्यान रखे। वेम्बु का मानना है कि भारत जैसे देश में, जहां स्टार्टअप कल्चर और तकनीकी व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां कंपनियों को अपने कर्मचारियों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। अच्छा नेतृत्व वही है जो अपने कर्मचारियों को लंबे समय तक संगठित और खुश रखे, और समान रूप से अपनी कंपनियों को सफल बनाए।
Zoho और Freshworks के बीच पुरानी तनातनी
यह उल्लेखनीय है कि Zoho और Freshworks के संस्थापक गिरिश माथ्रुबूथम पहले Zoho के साथ थे, और बाद में अपना खुद का संगठन शुरू किया। दोनों कंपनियों के बीच एक पुराना मामला भी चल चुका है, इसलिए वेम्बु की टिप्पणी अतिरिक्त ध्यान आकर्षित करती हैं। यह पुरानी खिंचातानी शायद वेम्बु के विचारों और प्रतिक्रियाओं में अभी भी प्रतिबिंबित होती है।
अंततः, इस विषय में वेम्बु का संदेश स्पष्ट है कि 'वास्तविक' पूंजीवाद उन कंपनियों में प्रभावी होता है, जहां कर्मचारियों के हितों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।
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